हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मेरा नाम आराधना सिंह है। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ और मजे नही लेती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मेरे ग्रेजुएशन के एक्साम खत्म हो गये थे इसलिए मेरा बुआ के घर जाने का बहुत मन कर रहा था। मैंने मम्मी से जिद की तो उन्होंने मुझे बुआ के घर भेज दिया था। यहाँ आकर मैं बहुत खुश थी। मेरी बुआ का घर पंचगनी में पड़ता है। यहाँ पर घूमने की एक से एक बढ़िया जगह है। कई पहाड़ है जो बहुत खूबसूरत है। यहाँ का मौसम भी बहुत अच्छा रहता है। हमेशा ठंडा मौसम रहता है। मेरी बुआ और फूफा मुझे बहुत प्यार करते थे। मेरे आते ही वो बहुत खुश हो गयी थी। मेरे लिए तरह तरह के पकवान वो बनाने लगी थी। बुआ की २ लड़कियाँ मीसा और गुनगुन तो मेरी बहने लगती थी जिससे मेरी बहुत दोस्ती थी। उनका लड़का प्रदीप भी बहुत मजाकिया था। वो मुझसे उम्र में २ साल बड़ा था। मैं २३ साल की थी और प्रदीप 25 साल का था। वो बहुत ही मजाकिया और हंसोड़ था। मुझे चाट खाना बहुत ही पसंद था इसलिए प्रदीप रोज शाम को मुझे अपनी बाइक पर बिठाकर चाट खिलाने ले जाता था।
बुआ के घर पर तो मेरी पिकनिक ही मन रही थी। एक रात हम चारो भाई बहन – मैं, मीसा, गुनगुन और प्रदीप देर रात तक टीवी देखते रहे। फिर हम सो गए। प्रदीप सुबह के पांच बजे मेरे कमरे में चुपके से घुस आया। उस समय घर के सब लोग सो रहे थे। हम भाई बहन और बुआ फूफा भी सो रहे थे। मैंने एक अच्छी सी सिल्क की चिकने कपड़े वाली नाईटी पहनी हुई थी जी आगे से काफी खुली हुई थी। मेरी २ बड़ी बड़ी 36” की खूबसूरत गेंदे उसमें से दिख रही थी। प्रदीप चुपके से मेरे बिस्तर में घुस आया और मेरे बगल ही आकर लेट गया। उसने अपना हाथ मेरी नाईटी में डाल दिए और मेरे दूध को सहलाने लगा। मैं गहरी नींद में सो रही थी क्यूंकि रात २ बजे तक मैं टीवी देख रही थी।
मुझे पता ही नही चला की प्रदीप कबसे मेरे दूध को दबा रहा था। फिर उसने मेरी नाईटी को उपर उठाकर मेरी चड्डी में हाथ डाल दिया और मेरी चूत में ऊँगली करने लगा। मैं जान ही नही पायी थी। आधे घंटे तक मेरा फुफेरा भाई मेरे दूध चूसता रहा और मेरी चूत में ऊँगली करता रहा। फिर मेरी आँख खुल गयी। मैं प्रदीप को रंगे हाथो मेरी चुद्दी [चूत] में ऊँगली करते पकड़ लिया।
“प्रदीप??? तुम मेरे कमरे में??? और तुम ये क्या कर रहे हो???” मैंने पूछा
मुझे देखते ही वो डर गया था। करीब करीब मैं नंगी हो चुँकि थी क्यूंकि प्रदीप ने मेरी नाईटी को नीचे उतार दिया था। मेरा खूबसूरत जिस्म पूरी तरह से खुला हुआ था और मेरे मम्मे भी बाहरर आ गये थे।
“तुम मेरे साथ क्या कर रहे थे??? मैं अभी बुआ से शिकायत करती हूँ???” मैंने कहा और जल्दी से मैंने अपनी अस्त व्यस्त नाईटी को सही किया और पहन लिया।
“आराधना!! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! इसलिए मैं तुम्हारे पास आया था! प्लीस तुम मम्मी से कुछ मत कहना!!” प्रदीप बोला तो मैं मान गयी। धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे को प्यार भरी नजरों से देखने लगे और मैं अपने फुफेरे भाई से पट गयी। एक दिन मैंने खुद ही उसे अपने कमरे में बुला लिया। प्रदीप ने मुझे आई लव कहा तो मैंने भी उसे आई लव यू बोल दिया। फिर हमने एक दूसरे को बाहों में भर लिया और किस करने लगे। अब मुझे प्रदीप बहुत अच्छा लगने लगा था। उसने मेरे होठो पर अपने होठ रख दिए और किस करने लगा। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने भी उसको किस करने लगी। वो मेरे कंधे और पीठ सहलाने लगा। फिर हम दोनों बिस्तर पर बैठकर किस करने लगे। मैंने उस दिन सलवार कमीज पहन रखा था। कुछ देर बाद किस करते करते हम दोनों ही गर्म हो गए। प्रदीप ने मेरा दुपट्टा मेरे सीने से हटा दिया तो मेरे बड़े बड़े मम्मे कमीज के उपर से दिखने लगे। दोस्तों मैं एक बहुत ही भरे जिस्म वाली लड़की थी मेरा फिगर 36 32 34 का था। इसके अवाला मैं बहुत खूबसूरत और जवान लड़की थी। मुझे देखकर अनेक लड़को के लौड़े टन्ना जाते थे। वो मुझे चोदने के हसीन ख्वाब देखते थे।
इस तरह मेरा फुफेरा भाई प्रदीप भी मेरी जवानी पर मर मिटा था। मेरे बड़े बड़े गोल गोल उभर देखकर उसे अंगडाई आने लगी और उसका 9” का मोटा लौड़ा खड़ा हो गया था। उसने मुझे बेड पर लिटा दिया। अब तो मेरे खूबसूरत आम उसके सामने थे। प्रदीप वासना में पूरी तरफ से अंधा हो गया था। आज वो अपने सगे मामा की लड़की को चोदकर बहनचोद बनना चाहता था। प्रदीप की आँखों में एक विशेष प्रकार की चमक थी। उसने अपने हाथ मेरे बड़े बड़े 36” के मम्मो पर रख दिए और दबाने लगा। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकालने लगी। फिर तो प्रदीप और तेज तेज मेरे मम्मे दबाने लगा। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। वो मेरी कमीज के उपर से ही मेरा आमो को दबा रहा था पर ऐसा लग रहा था को वो मुझे नंगा करके मेरे आम दबा रहा है। प्रदीप के हाथ तो मेरी गोल गोल गेंदों को जल्दी जल्दी दबाने लगी।
मैं इधर सिसक रही थी। वो फिर मेरे उपर लेट गया और फिर से मेरे ताजे होठो को चूसने लगा। हम भाई बहन आज जमकर चुदाई का महा संग्राम करने वाले थे। मैं भी चुदासी हो रही थी और अपने फुफेरे भाई के होठ चूस रही थी। प्रदीप के हाथ अब भी मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को दबा रहा था। मुझे भी बहुत आनंद मिल रहा था। फिर प्रदीप को चुदाई और सेक्स का नशा चढ़ गया था। वो मेरी कमीज के उपर से ही मेरी चूचियों को चाटने लगा। मुझे मजा आ रहा था। तभी उसने मेरी सलवार पर चूत के उपर हाथ लगा दिया और जल्दी जल्दी सहलाने लगा। मुझे बहुत मजा आया। क्यूंकि आजतक किसी लड़के ने मेरी चूत नही सहलाई थी। प्रदीप मेरी सलवार के उपर से ही जल्दी जल्दी मेरी चूत को घिस और सहला रहा था। कुछ देर बाद मेरी चड्डी गीली हो गयी और मेरी मेरी चूत के ठीक उपर मेरी सलवार भी गीली हो गयी थी। अब मेरा फुफेरा भाई मेरी चूत के उपर मेरी सलवार को चाट रहा था।
मैं “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकाल रही थी। क्यूंकि मुझे बहुत गर्म गर्म महसूस हो रहा था। मेरी चड्डी के साथ साथ मेरी सलवार भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेरी चूत से इतना रस निकल चुका था।
“बहन चल अपनी कमीज उतार और मुझे अपने मम्मे पिला!!” प्रदीप बोला
तो मैंने खुद ही अपनी कमीज उतार दी। फिर समीज भी निकाल दी। मेरे नंगे 36” के भरे भरे मम्मो को देखकर प्रदीप पूरी तरह से पागल हो गया और मेरे दूध पर उसने अपने हाथ रख दिए। मैं सिसक गयी। फिर प्रदीप जल्दी जल्दी मेरे नंगे, बड़े, गोल और बेहद चिकने मम्मो को जल्दी जल्दी दबाने लगा। मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। मैं अपने फुफेरे भाई से ही प्यार करने लगी थी और आज उससे कसके चुदवाने वाली थी। मेरे खूबसूरत मम्मो पर प्रदीप के हाथ यहाँ पर घूम रहे थे। मुझे बहुत सेक्सी महसूस हो रहा था। फिर वो मेरे आमो को जल्दी जल्दी दबाने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे मम्मे तो बहुत सेक्सी और कातिलाना थे। प्रदीप के हाथ पूरी ताकत से मेरे मम्मो को दबा रहे थे। उसे भी बहुत मजा आ रहा था। फिर वो मुझ पर लेट गया और मेरे दूध पीने लगा। मुझे बहुत सेक्सी महसूस हो रहा था। मैंने कभी सोचा नही था की अपने बुआ के लड़के को मैं अपनी चूचियां पिलाऊंगा। ये मैंने कभी नही सोचा था। प्रदीप पर वासना पूरी तरह से हावी हो गयी थी। वो तेज तेज मेरे दूध को चूस रहा था। मेरी मुसम्मी का सारा रस वो चूस रहा था। उसके तेज धार दांत मेरे मुलायम मम्मो में गड़ जाते थे। मैं “…..ही ही ही ही ही…….अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” की आवाज निकाल देती थी।
प्रदीप मेरी रसीली मादक चूचियों को बस चूँसे ही जा रहा था। मेरी एक मुसम्मी पीता, फिर दूसरी मुंह में भर लेता। दूसरी पी लेता तो पहली मुंह में भर लेता। उसे तो जैसे जन्नत ही मिल गयी थी।
“बहन! आज अपनी चुद्दी [चूत] दे दो। प्लीस मना मत करना बहन!!” प्रदीप बोला
मेरे समझ में नहीं आ रहा था की क्या करू। उससे चुद्वाऊ की ना चुदवाऊं।
“भाई !! आज तुम मेरी चूत में अपना मोटा लंड डालकर कसके पेलो!!” मैंने कहा
उसके बाद मेरे बुआ के लड़के प्रदीप ने मेरी सलवार का नारा खोल दिया। फिर सलवार और चड्ढी दोनों निकाल दी। वो मेरे अंग अंग को सहला रहा था। मेरी कमर पर हाथ लगा रहा था, फिर वो मेरे गोल मटोल 34” के पुट्ठों को सहलाने लगा। प्रदीप मेरे पैरों को चूम रहा था। दोस्तों मेरे पैर भी बहुत खूबसूरत थे। प्रदीप मेरे पैर की उँगलियों को किस कर रहा था। मेरी खूबसूरत गोरी जांघों पर उसने कई बार अपने हाथ फेरे और सहलाया। मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था। उसने कई बार मेरी जाँघों को किस किया। फिर मेरे पैर खोल दिए।
मेरी भरी हुई गुलाबी चूत के दर्शन उसे हो गए थे। वो बड़ी देर तक मेरी चुद्दी के सौंदर्य को देखता रहा और ताड़ता रहा। फिर आखिर में उसने मेरी चूत पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगा। मैं मचल गयी। फिर मेरे बुआ के लड़के प्रदीप के हाथ बार बार मेरी चूत को सहलाने लगे। मैं“आई…..आई….आई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की गर्म गर्म आवाज निकालने लगी।
प्रदीप मेरी चूत पर आ गया और उसने मेरी गोरी खूबसूरत टाँगे खोल दी। मैं शरमा गयी। ‘बहन! तेरी चूत बहुत सुंदर है। मैंने कई चूत मारी है पर तुम्हारी चूत सबसे जादा सुंदर है’ प्रदीप बोला। मुझे ये सुनकर गर्व हुआ। किसी ने तो मेरी चूत की तारीफ़ की। दोस्तों, हर सुबह मैं जब नहाती थी अपनी चूत जरुर देखती थी। उसे साबुन से मल मल कर नहलाती थी। इसलिए वो बहुत साफ़ और चिकनी थी और बहुत खूबसूरत लगती थी। मैं नहीं चाहती थी की जब कोई लड़का मुझे चोदे तो मेरी चुद्दी की बुराई करे। आज देखो मेरे बुआ के लड़के ने भी मेरी चूत की तारीफ़ कर दी थी। वो बड़ी देर तक मेरी गुलाबी चूत के दर्शन करता रहा। फिर मेरी चूत पीने लगा। अपने ओंठ को लगा लगाकर मेरी चूत पीने लगा। मैं सिसकने लगी। दोस्तों जादातर लड़कियों की चूत अंदर की ओर धंसी हुई होती है, पर मेरी चूत तो खूब बड़ी सी थी और बाहर ही तरह उभरी हुई थी। एकदम फूली हुई गुप्पा सी गुलाबी रंग की चूत थी मेरी चूत। प्रदीप की जीभ मेरी चूत को मजे लेकर चाट रही थी। मुझे बहुत सनसनी महसूस हो रही थी। मैं अपनी चूचियों को खुद ही जोर जोर से हाथ में लेकर दबा रही थी। कहना गलत ना होगा की मुझे भी आज खूब मजा मिल रहा था।
दोस्तों मैं एक कुवारी लड़की थी। आज से पहले मैं कभी चुदी नही थी। आज मेरी बुआ का लड़का ही मेरी सील तोड़ने जा रहा था। फिर प्रदीप ने अपने लंड को कुछ देर तक फेटा और खड़ा कर लिया। फिर उसने मेरी चूत के छेद पर लंड को रख दिया और जोर का धक्का मारा। मेरी सील टूट गयी और लंड अंदर घुस गया। मेरी बुआ का लड़का अब मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा। मैं “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकालने लगी तो प्रदीप ने मेरे मुंह पर अपना हाथ रख दिया वरना उसकी दोनों बहने मीसा और गुनगुन मेरी चुदाई वाली गर्मा गर्म आवाजे सुन लेती। प्रदीप ने मेरे हाथो को कसके पकड़ लिया और गमा गम मुझे चोदने लगा। दोस्तों आज मैं अपने फुफेरे भाई से ही चुदा रही थी। उसी का लम्बा 9” का मोटा लंड खा रही थी। प्रदीप ने मुझे जकड़ रखा था और जल्दी जल्दी चोद रहा था।
हम दोनों को सेक्स करने में इतना मजा मिल रहा था की मुझे दर्द का अहसास ही नही हुआ। प्रदीप का लौड़ा बहुत मोटा और लम्बा था। वो मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा। उसका लौड़ा पूरा मेरी चूत में अंदर तक घुस जाता था। मैं लम्बी लम्बी सिस्कारियां “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर ले रही थी। प्रदीप ने मेरे मुंह को हाथ से दबाये ही रखा और मेरी चुद्दी बजाता रहा। वो बहुत माहिर खिलाड़ी था। उसने कई लड़कियों की चूत मारी थी। वो नीचे मेरी चूत की तरफ ही देख रहा था और जल्दी जल्दी मुझे चोद रहा था। मेरे मम्मे तो जल्दी जल्दी उपर नीचे हो रहे थे और हिल रहे थे। अपने अपनी बुआ के लड़के से मैं आज चुदवा रही थी। उसी का मोटा लंड खा रही थी। फिर प्रदीप बहुत जल्दी जल्दी मेरी चूत बजाने लगा। पट पट की आवाज मेरी चुद्दी से आ रही थी। लग रहा था की बच्चे खेल रहे है और ताली बजा रहे है।
प्रदीप मुझे बहुत जल्दी जल्दी ठोकने लगा। मैंने बहुत उत्तेजना हो रही थी। किसी चुदासी और लौड़े की प्यासी लड़की की तरह मैंने अपने दोनों पैर उपर उठा लिया। प्रदीप मुझे जल्दी जल्दी लेने लगा। मैं सूखे पत्ते की तरह काँप रहे थे। वो मुझे चोदकर मेरी जवानी का मजा उठा रहा था। मेरी जवानी का भोग कर रहा था वो। कुछ देर बाद वो और तेज तेज धक्के मेरी चुद्दी में मारने लगा। मैंने उसको कसके दोनों हाथों से पकड़ लिया। 5 मिनट बाद वो तेज धक्के मारते मारते मेरी चूत में झड़ गया। फिर वो मेरे ही लेट गया। मैंने उसे उसके गाल और चेहरे पर किस करने लगे।
“प्रदीप !! आज तुम मुझे चोदकर बहनचोद बन गये!!” मैंने कहा
“सही कहा बहन!!” प्रदीप बोला और हंसने लगा। फिर हम किस करने लगे। अब जब भी मैं अपनी बुआ के घर जाती हूँ प्रदीप मेरी चूत बजाता है। मैं भी खुशी खुशी चुदवा लेती हूँ क्यूंकि अब सेक्स और चुदाई का नशा हो गया है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।