ये कहानी चुदाई की एल अनमोल दास्तान है. मेरी एक नयी नवेली और लखो मे एक खूबसूरत भाभी ने मुझे जन्नत का दर्शन कराया. मेरी भाभी जितनी देखने मे खूबसूरत है उतनी ही दिल से भी खूबसूरत हैं. ये मेरे जिंदगी की सबसे जबरदस्त सेक्स का अनुभव है आंड आज भी जब उस हसीन पल की याद आती है तो मेरा लॅंड खुद बा खुद खड़ा हो जाता है.
मेरा एक फुफेरा भाई मोहित आर्मी मे जॉब करता था. उस की शादी कुच्छ दिन पहले हुई थी. मैं एक एग्ज़ॅम होने की वजह से उसकी शादी मे नही जा पाया था. मोहित शादी के बाद वापस जॉब पर चला गया था. वो हमेशा फोन करता रहता था की अब तो जाके अपने भाभी से मिल ले. एक दिन मैने घर मे चर्चा सुनी की मोहित की वाइफ बबली बहुत सुंदर है. मैने सोचा की एक बार तब मोहित की वाइफ से मिल ही लेते हैं. मोहित के गाँव पटना से लगभग 15 km की दूरी पर है. मैने अपना मोटर साइकिल उठाया और निकल पड़ा. लगभग शाम के 3 बजे मैं मोहित के गाँव पहुँच गया. मोहित का घर बहुत बड़ा था जिसमे सिर्फ़ मेरी बुआ फूफा जी एक छोटी बहन और बबली भाभी थे. बुआ हुमको देख कर बहुत खुश हुई और फिर बबली भाभी के कमरे मे ले गयी.
मैने जैसे ही बबली भाभी को देखा तो अवाक रह गया. वो स्वर्ग की अप्सरा जैसी खूबसूरत थी. लंबाई लगभग 5′ 5″ रंग मिल्की वाइट. घने लंबे लंबे बाल. बबली भाभी पर्पल (नारंगी) कलर का सूट पहनी थी. उनका चुचि बहुत ही अट्रॅक्टिव था. ब्रा का साइज़ लगभग 34 सपाट सुंदर पेट और लाजवाब कमर. बबली भाभी पूरा उपर से लेके नीचे तक कयामत थी. मैं तो बहुत आवक रह गया और मान ही मान सोचने लगा वा मोहित ने क्या भाग्या पाया है. फिर भाभी ने स्माइल दे कर स्वागत किया.ऐसा लगा जैसे लखो फूल एक साथ खिल गये हो.फिर हमारे बीच कुच्छ फॉर्मल बात हुई. फिर भाभी ने कहा आप यहीं बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूँ. भाभी लगभग 10 मिनिट के बाद चाय बनाकर लाई. फिर बुआ बोली चलो तुमलोग देवर भाभी आपस मे बाते करो मैं थोड़ा बाहर देखती हूँ.
फिर भाभी मेरे सामने ही पलंग पर बैठ गयी. अब मैने भाभी को ध्यान से देखा. दोस्तों क्या बताऊ अपने ज़िंदगी मे मैने इतनी अच्छी माल कभी नही देखी थी मेरे तो लॅंड खनक गया पूरा. ऐसा लग रहा था जैसे चेन्नई एक्सप्रेस की की कटरीना सामने आकर बैठ गयी हो. भाभी मेरी नज़रो को भाँप गयी और तोड़ा झेंप गयी. फिर मुझसे रहा नही गया. मैने कहा भाभी आप बहुत सुंदर हो. आप स्वर्ग की अप्सरा जैसी हो. तो भाभी ने कहा थॅंक योउ देवर जी, वैसे आप भी कम नही हो.
मैने आपके बारे मे सुन रखा था लेकिन आज देख रही हूँ. आप अपने खंडन मे सबसे ज़्यादा स्मार्ट हैं. अब मैं अपने बारे मे बता दूं- मेरी आयु उस समय लगभग 19 साल थी. मेरा हाइट 5’11” कलर वाइट आंड शरीर भी पूरा स्लिम ट्रिम था. फिर हुमलोग इधर उधर की बाते करने लगे. 1-2 घंटे मे हमारी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी. फिर मोहित का भी फोन आया उसने अपनी वाइफ से कहा मेरा सबसे प्यारा भाई है उसको स्पेशल केर देना. तो भाभी ने कहा आप टेन्षन ना लॉजी, मैं आपके भाई को पूरी खुशी दूँगी.
फिर रात के 9 बज गये. बुआ और फूफा जी खाना खाने के बाद सोने चले गये. बुआ जाते जाते भाभी को बोली- इसको तेल लगा देना, आने मे थक गया होगा मेरा भतीजा. तो भाभी ने हा मे सिर हिला दिया.
मैने भी खाना खा लिया था. अब बहन आंड भाभी खाना खा रही थी. मैं वहीं पर बैठ कर भाभी को निहार रहा था और माना रहा था काश डीदिको चोद्ने का मौका मिल जाता. फिर बहन बोली भैया आपका बेड भाभी के बगल बाले कमरे मे बिच्छा दिए हैं. मैने कहा ठीक है और मैं उस रूम मे जाकर सो गया.थके होने के कारण मुझे नींद भी आ गयी.फिर लगभग 11:30 बजे रात मे मेरे कमरे मे किसी के आने की आहत हुई. मैं चौकना हो गया. फिर किसी ने तौरछ जलाया. मैं रज़ाई मे अपना निकार और गांजी पहन कर सोया था. अंदर मे मैने अंडरवेर नही पहना था आंड इसके कारण मेरा 8.5 इंच लंबा लॅंड जो की भाभी के नाम पर मूठ मरने के बाद ऐसे ही रह गया था. फिर लाइट जला. मैं अचंभित रह गया. भाभी एक रेड कलर का साल ओढ़े हुए मेरे कमरे मे आई थी.
उसने देख लिया की मैं जगा हूँ. उसने कहा ड्यूवर जी तेल लगाने आई हूँ. मांजी ने कहा था नही लगाने पर कल डाटेंगी. मैने कहा अब जाके सो जाइए मैं बुआ को बोल दूँगा आपने तेल लगाया था. फिर वो पलंग पर बैठ गयीं और उन्होने रज़ाई हटाया तो मेरा निक्कर के अंदर का शेर उनको दिख गया. वो धीरे धीरे मेरे पैर के निचले पोर्षन मे तेल लगाने लगी. वो बीच बीच मे मेरे लंड को भी देख लेती थी. फिर 10 मिनिट तक तेल लगाने के बाद भाभी उठी और रूम का दरवाजा बंद कर दी.
फिर वो वापस आ कर बोली बहुत ठंडी हवा आ रही थी. मैं तो बस भाभी के फेस को ही देख रहा था. मेरे मान मे लगा आज शायद एक अप्सरा जैसी लड़की को चोद्ने का सपना पूरा होगा. भाभी फिर घुटने के उपर तेल लगाने लगी. उसी मे वो आयेज बढ़ी तो उनके हाथ मे लॅंड टकरा गया. उसने मेरे लॅंड को पकड़ कर कहा इसमे भी तेल लगा दूं क्या? अब तो मुझसे रहा नही गया मैने कहा तेल लगाने से क्या होगा जानेमन? तो भाभी बोली मज़ा आएगा. आपके भैय तो रोज लगवाते थे. मैने कहा भैया उसके बाद भी तो कुच्छ करते होंगे. तो वो शर्मा गयी. मैने भाभी का हंत पकड़ कर अपने पेंट के अंदर दल दिया.
फिर वो बोली रुकिये मालिश कर देते हैं. फिर उसने एक झटके मे मेरा पेंट खिच दिया. अब मैं नीचे बिल्कुल नंगा था. मेरा लॅंड तंबू की तरह खड़ा था. भाभी उसमे सरसो का तेल लगाने लगी. मुझसे बर्दस्त नही हो रहा था, मैने भाभी को बेड पर पटक दिया और उसके उपर चढ़ गया. भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली देवर जी मेरी प्यास बुझा दो. मैने भाभी का निघट्य पैर तरफ से पकड़ कर उपर तक उठा दिया. वो नीचे पूरी नंगी थी. मैने भाभी के गुलाबी बर के पास हाथ फेरा तो वहाँ सूखा लग रहा था. बस मैने झट से अपना जीभ भाभी के बर मे दल कर लिक्केरिंग करने लगा. भाभी ने अपने दोनो जाँघो के बीच मेरा सर दबा लिया और बेड पर कूदने लगी.
फिर भाभी ने मेरा बाल पकड़ लिया और बोली अब बर्दस्त नही होता, फाड़ डालो मेरा बूर अब तक भाभी का बूर पूरा गीला हो चुका था. तभी भाभी उल्टा सो गयी और बोली देवर जी मेरे बूर मे पिच्चे से लंड डालो, हुमको बहुत मज़ा आता है. फिर मैं भाभी को घोड़ा बनके उसके बूर मे पिच्चे से लॅंड डाला. उपर मैने भाभी के चुचियों को कस कर पकड़ रखा था और भाभी अपना बर खुद आगे पीछे कर रही थी.
ऐसा करने मे बहुत मज़ा आ रहा था, एक तो भाभी की सुंदर चुचिया पूरी पूरी हाथ मे थी उपर से लॅंड भी अच्छा ख़ासा अंदर जा रहा था. ऐसे चुदाई करते करते हुमलोग लगभग 35 मिनिट मे झाड गये. मेरा 8.5 इंच लंबा उत्तेजित लॅंड अब छ्होटा हो गया था. लेकिन भाभी अभी संतुष्ट नही थी. उसने अब हुमको बेड पर पटक दिया और मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी. चूसने से लॅंड 3-4 मिनिट मे ही फिर से 8.5 इंच का हो गया. फिर भाभी बोली अब मुझे सामने से चोदो जान. फिर मैने सामने से लॅंड डाला, भाभी बेड पे जंप कर रही थी और मेरा पूरा लंड गदप कर रही थी. इस बार हुमलोग लगभग 70 मिनिट के बाद झड़े . हुमलोग पूरी तरह से पस्त हो गये थे मैं भाभी के उपर बर मे ही लंड डाले हुए ही सो गया था. लगभग एक घंटे के बाद भाभी की नींद टूटी तो उसने अपने उपर से हुमको हटाया. घड़ी मे सुबह के 5 बज रहे थे. वो जल्दी से अपना कपड़ा पहन कर धीरे से दरवाजा खोल कर जल्दी से अपने कमरे मे चली गयी.
मैं लगभग 5 दिन तक बुआ के यहाँ रहा और हुमलोग बस चुदाई के मौके की तलाश मे रहते थे. बाद मे बुआ ने भाभी को उसके घर छोड़ने के लिए भी बोला तो मैने पटना मे अपने घर मे भी भाभी को छोड़ा. बाद मे भाभी ने मेरी एक बेटी को भी पैदा किया. अभी भाभी मोहित के साथ ही रहने लगी है लेकिन साल मे 2 बार छुटियों मे वो मेरे पास ज़रूर आती है अपनी प्यास मिटाने के लिए.