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मैं लव मैरिज कर दिल्ली आ गया था अपने पत्नी को लाया नहीं था यहां पढ़ाई करने लगा। सोचा 1 साल में लाऊंगा . पढ़ाई के साथ साथ में नौकरी भी करने लगा। 1 साल के अंदर मुझे अच्छी नौकरी मिल गई उसके बाद में अपने वाइफ को दिल्ली लाया। हम दोनों ही कम उम्र के थे परिवार कैसे चलाते हैं पता नहीं था हमारी हेल्प यहां पर एक भाभी ने किया जो लखनऊ की रहने वाली थी। एक छोटा सा मकान था उसके ऊपर के फ्लोर पर हम लोग रहते थे और भाभी नीचे रहती थी. हम दोनों परिवार मिलजुल कर रहते थे भाभी बड़ी ही सुंदर थी हॉट थी . वह मुझे बहुत पसंद करती थी। इस कारण से उसके घर में झगड़ा भी होता था।
शायद मेरे से नजदीकियां भाभी के पति को अच्छा नहीं लगता था। पर रिश्ते मजबूत थे इस वजह से कभी दोनों परिवार में कोई दरार नहीं आया। भैया भी बहुत आदर करते थे। दोनों के घर में जब भी कुछ बनता हमलोग शेयर करते। संडे को दिन भर छत पर धुप में बैठते और रात को देर रात तक मूंगफली खाकर एक भी बेड पर रजाई में पैर अंदर करते और बैठते।
मैं हमेशा भाभी की खूबसूरती पर फ़िदा रहता था। कभी कभार मजाक भी कर देता था। वो खुश होती थी। बहुत अच्छी कट रही थी ज़िंदगी। पर मर्द का शक ज्यादा दिन तक बर्दास्त नहीं करता और उन्होंने अपना कमरा चेंज कर दिया। पर ऐसा नहीं हुआ की हमलोग से कट गए। हां अब थोड़ा दुरी जरूर हो गया था पर हमलोग भी उनके यहाँ जाते और वो लोग भी हमारे यहाँ आते।
एक दिन की बात है, मैं नौ बजे ऑफिस के लिए निकला तो मुझे लगा क्यों ना आज भाभी के घर होता चलूँ क्यों की उस दी मुझे 11 बजे ऑफिस पहुंचना था। मैं उनके घर चला गया. घर में वो अकेली थी एक 5 साल का लड़का था उनका जो बाहर खेल रहा था। भैया ऑफिस चले गए थे। उन्होंने हँस कर मेरा वेलकम किया था। वो पिंक कलर की नाइट ड्रेस में थी। बहुत ही सेक्सी लग रही थी क्यों की अंदर वो ब्रा नहीं पहनी थी और आपको पता होगा दोस्तों जब कोई नाईट ड्रेस में हो और अंदर ब्रा नहीं पहना हो तो कैसा लगता होगा ? उनकी दोनों चूचियां साफ़ साफ़ बाहर दिखाई दे रही थी। निप्पल टाइट था वो पता चल रहा था।
बेडपर जाकर बैठ गया वो फिर मेरे लिए चाय बनाई. हमदोनों चाय चाय पि रहे थे तभी मुझे लगा की क्यों ना बात आगे बढ़ानी चाहिए। क्यों की मुझे पक्का पता था वो मुझे चाहती है। और मैं भी उनकी कसी हुई चूचियों को छूने के लिए तड़प रहा था ना जाने कितने रात मैं उनके नाम का मूठ मारा था। मैं भाभी को बोलै भाभी क्या आप मुझे किस करने दोगे। मुस्कुराने लगी और हँसते हँसते बोली हां हां क्यों नहीं जरूर दूंगी पर आपको भैया से परमिशन लेना होगा। और आपको अपने बीवी से भी परमिशन लेना होगा। पर मैं सीरियस था मैं बोला मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ मैं सच कह रहा हूँ। मैं आपके प्रेम में हूँ। मुझे आप चूमने दो। वो चुप हो गई।
उठ गई बेड पर से मुझे लगा काम खराब हो गया। वो दरवाजे के तरफ बढ़ी और दरवाजे पर खड़ी हो गई। वो अपने बेटे से बोली खेल रहे हो? वो बोला हां और वो दरवाजा दोनों आपस में सटा दी और दरवाजे में साइड दिवार के पास कड़ी हो गई अपना सर झुका कर।
मैं बेड से उठा और उनके पास चला गया और फिर पूछा ले लूँ किश वो कुछ नहीं बोली मैं उनके होठ पर किश किया गाल पर किश किया और उनकी चूची पर अपना हाथ रखा वो फिर खिलखिला कर हसने लगी मैं फिर उनके गाल पर किश किया और फिर दोनों चूचियां दबा दिया। पर वो आसानी से सब कुछ करने नही दे रही थी। और फिर बोली की आने दो भैया को और शाम को आपके भी घर जाउंगी और सब बात बताउंगी दोनों को। दोस्तों मेरी तो फट गई थी। हालात ख़राब हो गया था लगा की गया मैं काम से। मैंने उनको सॉरी बोला और मैं वह से चला गया। ऑफिस पंहुचा वहां भी मेरी धड़कन तेज ही थी। मैं काम कर रहा था तभी मेरे पास रखी लैंडलाइन बजी मैंने फ़ोन उठाया तो रिसेप्शन से फ़ोन पर लड़की बोली आपके घर से फ़ोन है। और मैं फ़ोन सुनने लगा उधर से आवाज आई “हेलो” मैं बोल रही हूँ।
दोस्तों भाभी की आवाज थी वो भी लड़खड़ाई हुई। वो बहुत ही डरी हुई लग रही थी। मेरे पैर के निचे से जमीं खिसक गया था। मेरे होश उड़ गए थे। उधर से हेलो हेलो कर रही थी मैं चुपचाप खड़ा था। फिर मैं बोला भाभी माफ़ कर दो अब मैं कुछ नहीं करूंगा। मुझे नहीं चाहिए किस गलती हो गई। उधर से बोली पर मुझे चाहिए। मुझे चाहिए वो सब आप अभी आ जाओ। पर लगा अभी जाना ठीक नहीं है और ऑफिस से जा भी नहीं सकता। मैं बोला ठीक है कल मैं आपके पास नौ बजे आऊंगा।
दूसरे दिन सुबह नौ बजे पंहुचा वो घर में अकेली थी उनका बेटा वो अपने मम्मी के पास छोड़ आई थी। भैया सुबह आठ बजे ही निकल जाते हैं। घर पर गया वो मुझे बैठने बोली। वो फिर से वही नाईटी में थी। वो पूछी कोई आते तो नहीं देखा मैं बोला नहीं कोई नहीं। और फिर वो दरवाजा बंद कर दी।
वो अपना पेंटी उतारी और फिर बेड पर लेट गई। मैं उनके ऊपर चढ़ गया और फिर उनके होठ को चूसने लगा उनके मुँह में जीभ डालने लगा उनकी बड़ी बड़ी टाइट चूचियां मसलने लगा। वो थोड़ी जल्दीबाजी कर रही थी। पर मैं थोड़ा समय लेना चाह रहा था। मैं चूचियां दबाने लगा उनके गाल पर होठ पर गर्दन पर किस करने लगा। उन्होंने अपना नाईटी ऊपर कर दी और पैर फैला दी। मैं अपना लौड़ा निकाला और उनके चूत पर लगाया पर जल्दीबाजी में ठीक से नहीं लगा फिर भाभी ने मेरा लौड़ा पकड़ी और अपने चूत पर सेट कर ली और मैं धक्का दिया और पूरा लौड़ा उनके चूत में घुस गया।
लौड़ा घुसते ही उनके मुँह से हाय शब्द निकला। मैं फिर से धक्का दिया वो फिर हाय लम्बी निकली मैंने फिर धक्का दिया वो फिर हाय मैं तो पागल हो गया। मैं चूचियां दबा दबा कर चोदने लगा वो भी निचे से धक्के दे रही थी घुमावदार धक्के ओह्ह्ह मेरा लौड़ा तो सन्न सन्न कर रहा था और जोर जोर से झटके दे रहा था। मैं जल्दीबाजी कर दिया और सारा माल उनके चूत में गिरा दिया वो तुरंत ही उठ गई और भागकर बाथरूम में गई। मैं भी अपने कपडे ठीक किये। तब तक वो आ गई और बोली जाओ जल्दी कोई आ जाएगा। मैं वह से चला गया।
फिर एक दिन उनके पति गाँव गए थे और मेरी बीवी भी मायके गई थी। वो मुझे फ़ोन की की रात को आ जाना और उस दिन नौ बजे रात को उनके घर पहुंच गया। घर में कोई नहीं था। वो अकेली थी अपने बेटे को वो खाना खिला रही थी वो लड़का सोने को हो रहा था और खाना खाते खाते ही वो सो गया वो दूसरे कमरे में सुला दी। वो मेरे लिए भी खाना निकाली और अपने लिए भी निकाली। दोनों मिलकर खाना खाये। मैं उनके लिए डार्क चॉकलेट ले गया था खाना खाने के बाद खाया और वो गेट बंद की खिड़कियां बंद की और फिर उस कमरे का दरवाजा भी बंद कर दी।
रात के करीब दस बज गए थे। वो पहले मेरे से बात की वो बोली जल्दबाजी क्या है पूरी रात अपने पास है। फिर वो काफी अपनी बाते शेयर की मेरे गोद में अपना सर रखकर। मैं कभी उनके चूचियों को सहलाता तो कभी होठ को छूता कभी गाल पर उँगलियाँ फेरता इस तरह से हम दोनों में काफी अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी। और फिर वो बैठ गई और हम दोनों एक दूसरे को चूमें और फिर दोनों ने कपडे खोले और फिर लेट गए।
दोनों पूरी रात हम दोनों ने एक दूसरे को खुश किया अलग अलग तरीके से चुदाई की एक दूसरे के गोद में सोये। अपनी बाते शेयर की और आगे भी एक दूसरे को केयर करने लिए प्रॉमिस किया।
रात भर एक दूसरे को खूब प्यार किये वासना की भूख को शांत किया। ऐसा लग ही नहीं रहा था वो कोई पराई है वो अपनी भी बीवी से अच्छी लग लग रही थी।
पर किस्मत ने साथ नहीं दिया वो पुरे परिवार के साथ दिल्ली से अहमदाबाद शिफ्ट हो गई। क्यों की उनके पति का तबादला हो गया।
अब वो उस दिन का हाय हाय ही अपने दिल में समेटे हुए रहता हूँ और यादों में जीता हूँ। संपर्क भी नहीं है शायद उसके पति ने मना कर दिया होगा नहीं तो वो नंबर जरूर शेयर करती।