दोंस्तों, ये कहानी आपको हिलाके रख देगी। मैं समर इटावा का रहने वाला हूँ। मेरे पिताजी और माताजी के मरने के बाद मैंने अपना पुराण चौक वाला मकान बेच दिया था। क्योंकि मैं और मेरा भाई उस घर को शुभ नही मानते थे। दो दो मौते वहां हुई थी। इसलिये मैंने वो मकान बेच दिया था और स्वामीविवेकानंद स्कुल के पास नया घर ले लिया था। यहाँ काफी फहलारा था। पास में बड़ी सब्जी मंडी थी, इसलिए ताज़ी सब्जियों भी बड़ी आसानी से मिल जाती थी।
मेरे कुछ पड़ोसी भी थे जिनसे मेरा अभी कोई परिचय नही हुआ था। पर दोंस्तों महीने भर के अंदर मैं जान गया कि कौन सा पडोसी किस तरह का है।
एक काम की बात मुझे पता चली की गुप्ता जी की वाइफ अल्टर है। गुप्ता की पहली बीबी खत्म हो गयी थी जब गुप्ता 55 साल के थे। उनको चूत की इतनी अरदास लगी की दूसरी शादी करके 21 साल की कड़क माल ले आये। इस चुदास के चक्कर में उनकी बेटियां भी उनसे नाराज हो गयी। और बातचीत बन्द करदी गुप्ता से। जब गुप्ता नयी जवान 21 साल की नई बीबी को चोदने गये तो उनका लण्ड ही खड़ा ना हुए। इससे गुप्ता कई महीने सदमे में रहे। उन्होंने बड़ी दवा भी करवाई पर उसके 60 साल के लण्ड ने खड़ा होने से मना कर दिया।
वही गुप्ताईंन अभी जवान जवान थी और लण्ड की प्यासी थी। मुझे पडोसी लोगों नए भी बताया कि उसके घर किसी बहाने से जाओ। काम बन जाएगा। क्योंकि पड़ोस के सभी लोग कामता(गुप्ता की बीबी का नाम ) को चोद खा चुके थे। साला, मैं तो अभी कुंवारा था।
चल समर चूत का इंतजाम हो गया इस नये मोहल्ले में! मैंने खुद से कहा।
अगले दिन मैंने देखा की गुप्ता अपने काम से 9 बजे कहीं चले गए। कामता भाभी सज धजके निकली सायद बाजार जा रही थी।
मैंने कहा कामता भाभी को नमस्कार!! बड़ी जम रही है आज! कामता हल्का मुस्काई
मैंने आपको पहचाना नही!! वो बोली
अरे! भाभी जी! मैं अभी अभी कुछ महीनो पहले इस बस्ती में आया हूँ। आपके घर से बायीं ओर 4 घर छोड़ के मेरा ही वो पीला वाला घर है। मैंने अपना परिचय दिया।
कामता जी! आप कहाँ तक जाएंगी?? मैंने बड़ी प्यार से पूछा
गोल चौराहा तक!
आईये बैठिए ! मैंने कहा।
कामता मेरी बाइक पर बैठ गयी। मैं जान बूझ कर बाइक तेज दौड़ा दी। कामता जी डर गई और कमर से मुझे कसके अपने हाथों से पकड़ लिया। मैंने कामता भाभी को गोल चौराहा छोड़ दिया। दोंस्तों, इस तरह मैं हर दिन उनको लाइन मारने का कोई मौका नही छोड़ता था। मैं सब्र से इस बात का इंतजार कर रहा था की कब वो खुद अपनी तरफ से चुदवाने का इशारा करेंगी। करीब 3 महीनो के लंबे इंतजार बाद मुझे सफलता मिल गयी।
एक दिन कामता भाभी से मुझे एक लेटर दिया।
मेरे पति गुप्ता जी 5 दिन के लिए मुंबई अपने ऑफिस के काम से जा रहे है। मजे लेना हो तो आओ। 1 दिन बाद गुप्ता अपना सूटकेस पाक करके मुम्बई चले गए। मैं खुद उनको रेलवे स्टेशन तक छोड़ने गया।
कामता का खयाल रखना !! गुप्ता जी बोले
जी जरूर! मैं उनका पूरी तरह खयाल रखूँगा! मैंने कहा।
जब ट्रेन चली गयी तब मुझे तसल्ली हुई की अब 5 दिनों के लिए जवान मस्त कड़क माल कामता मेरी है और उसकी चूत भी मेरी है।
रेलवे स्टेशन पर ही ये सोचकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। मैंने अपने लण्ड से कहा घर चलो, तुमको चूत जरूर मिलेगी। मैंने खुद को किसी तरह शांत किया। बाइक स्टार्ट की और आने लगा। हलाकि मोटर साइकिल पर भी मेरा लण्ड शांत होने का नाम नहीं ले रहा था। मैं किसी तरह घर आया। बाइक राखी। सीधा गुप्ता जी के घर पहुँच गया। पहली ही बेल बजाने पर कामता ने दरवज्जा खोल दिया और जल्दी से मुझे अंदर ले लिया। क्योंकि इस बात का डर भी था कि कहीं कोई मुझे अंदर जाते ना देख ले।
किसी ने देखा तो नही!! कामता भाभी ने पूछा
नही! मैने जवाब दिया।
बस फिर क्या था दोंस्तों। हम दोनों ने एक दूसरे को गले ले लिया। कामता ने मुझे अपना मोबाइल दिखाया। गैलरी में लगभग हर पडोसी के साथ चुदते हुए उसकी फोटो थी। कामता जिससे भी चुदवाती थी, उसकी फोटो जरूर खीच लेती थी। मैंने जब फोटो देखी तो मेरा होश उड़ गया। ये कामता तो बहुत बड़ी छिनार निकल गया। मैंने कहा। पहले तो उसकी जरा इज्जत करता था, पर अब उसकी रंगरलियों को देखने के बाद मेरा तो दिमाग ही घूम गया।
मैंने कहा चोदो साली को नन्गा करके। उस दिन मैंने कामता भाभी को खूब पेला खाया। बात बात में ये भी पता चला की वो 2 लण्ड एक साथ खाना। मुझे उसने ये भी इशारा किया कि वो bdsm करना चाहती है। ये ज्यादातर विदेशों में लोग करते है। इसमें लड़की को रस्सियों से बांध देते है और तरह तरह की यातनाएं देते हुए चोदते है। कामता भाभी ने मुझे bdsm के कई वीडियो भी दिखाए। अइला!! ये तो छिनालों की सरदार निकल गयी। उन्होंने मुझे ये भी बताया कि किस तरह केवल लण्ड खाने के लिए किस तरह वो 200 किलोमीटर दूर ट्रैन से लण्ड खाने एक अजनबी का पास चली गयी थी। कामता भाबी का उससे सम्पर्क बस एक मिसकाल से हुआ था।
उनकी सारी रासलीला की कहानियां सुनकर मेरी तो गाण्ड ही फट गई। मैं तो खुद को बहुत बड़ा चुदक्कड़ मानता था, पर कामता भाभी तो मुझसे भी10 कदम आगे निकल गयी। पहले दिन चूदने के बाद उन्होंने ये बात खुद मुझसे कही।
समर!! देख सिंगल सिंगल तो मैं खूब चुदा चुकी हूँ। पर एक बार bdsm करने की तमन्ना है!! कामता भाभी बोली
साली छिनाल! गुप्ता इसी ठीक से चोद नही पाया तो इतनी बड़ी अल्टर बन गयी। भारतीय संस्कारो को भूल गयी और bdsm की बात करती है रंडी। इसको तो मैं इतना चुदवा दूँगा की दोबारा इस विदेसी जुमले का नाम तक नही लेगी। मैंने मन ही मन सोचा। कामता भाभी से मुझे पैसे भी दिए। उन्होंने सामान खरीदने के लिए पूरे 10 हजार दिए।
मैंने अपनें 2 सबसे चोदूँ दोंस्तों को बुला लिया। अगली बार हम तीनों कामता भाभी के घर रात में आ गए।
भाभी तुझे चुदवाने के लिए देख मैं इनको बुला लाया हूँ। तेरी हर इक्षा पूरी कर देंगे। मैं काफी सामान मार्किट से खरीद लाया था। रस्सियां, प्लास्टिक की छपकिया, हथकड़ियाँ, कुछ इलेक्ट्रॉनिक मशीन यातना देने के लिए। मेरे दोस्त चिराग और अनिमेष दोनों जिम जाते थे। दोनों की मस्त बॉडी बिल्डर वाली बॉडी थी। कामता भाभी और हम तीनों नँगे हो गए। चिराग ने कमाता भाभी को पीछे घुमा दिया और छिनाल के नितम्ब देखने लगा।
चट चट!! चिराग ने दो तीन चपत कामता के चूतड़ों पर लगा दिए। अनिमेष भी आया और भाभी के पिछवाड़े को छू के देखने लगा।
कामता भाभी चाहती है कि तुम लोग इनके साथ bdsm यानि यातना वाली चुदाई करो!! मैंने दोनों से कहा
तू तो बड़ी छिनाल निकल गयी भाभी!! हमने एक से एक हरामिन छिनालों को चोदा है पर किसी ने यातना देने को नही कहा। तेरे साथ चुदाई में खासा मजा आएगा!! चिराग बोला।
कामता मुस्कुरा दी। मैंने भी कहा कि जब रंडी मार खा खा के पेलवाना चाहती है तो हमे क्या हर्ज है। अनिमेष ने कमाता को नन्गा बिस्तर पर लिता दिया। उसके हाथ दो हथकड़ियों से बेड के सिरहाने से बांध दिए। फिर मैंने दोनों पैरों को हथकड़ियां पैरदान की रेलिंग से बांध दी। हम लोगो ने इतना कसा बंधा की रंडी भाग ना सके।
फिर हम तीनों ही उस पर कूद पड़े। यहाँ अनिमेष से जबरन अपना लण्ड कामता के मुँह में पेल दिया वही चिराग उसकी बुर चाटने लगा। मैं उनकी गाण्ड में ऊँगली करने लगा। बड़ी देर हो गयी। अब अनिमेष प्लास्टिक की लंबी लम्बी पतली पतली छपकिया लाया था, वो कामता का मुँह चोदता। फिर कुछ देर बाद लण्ड निकलता और सट से छपकी कामता के छातियों की निपल्स पर मार देता। धीरे धीरे हम सभी का हौसला बढ़ गया। हम तीनों ने एक एक छपकी ले ली, और जहाँ मिलता सट सट कामता को उड़ा देते।
वो चीख देती। उधर चिराग एक बड़ा सा इलेक्ट्रिक वाइब्रेटर ले आया। उसको प्लग से जोड़ दिया। ये एक बड़ा सा लण्ड था जो बिजली से चलता था। चिराग ने स्विच ऑन किया। रबर का लण्ड घुरघुराने लगा। चिराग ने लण्ड कामता की योनि पर रख दिया। इतना कम्पन हुआ की भाभी की चूत में ज्वार भाता आ गया। हम तीनों लोग कामता को यातना देने लगे। अनिमेष लगातार भाभी का मुँह चोद रहा था और उनकी बड़ी बड़ी मस्त गदरायी छतियों के निपल्स पर सट सट छपकी लगा रहा था। वहीँ मैं उनकी गाण्ड में जल्दी जल्दी ऊँगली कर रहा था, वही तीसरे मोर्चे पर चिराग भाभी की बुर में ऊँगली लगातार किये जा रहा था, और घुरघुराता हुआ इलेक्ट्रिक वाइब्रेटर उनकी योनि में लगाये था।
आये!!आये!! आ आआहा!! भाभी खूब बिस्तर पर उछल रही थी। मैंने कहा अब इस छिनाल को मजा आ रहा होगा। बहुत बड़ी वाली रंडी है ये तो मैंने खुद से कहा। मैं भी उनके गोरे बदन पर सट सट छपकी चिपका रहा था। जहाँ पड़ता था लाल लाल छप जाता था। हम लोग ने भाभी को खूब यातना दी उस दिन। खूब एडवेंचर हुआ। फिर मैंने कामता के नीचे लेट गया। मैंने उसकी गाण्ड में लण्ड लगाया। चिराग कामता के ऊपर लेट गया और उसने बुर में लण्ड ख़ोस दिया। हम दोनों एक साथ मस्त चुद्दकड़ कामता भाभी को चोदने लगे।
मेरा लण्ड भाभी की योनि के अंदर चिराग के लण्ड से टकरा रहा था। पर हम रुके नही। उसे लेते रहे। आआहा!! आआआ!! भाभी उछल उचलके मादक सिस्कारी लेने लगी। उधर अनिमेष भाभी का मुँह तो पहले से ही चोद रहा था। वो भाभी को कस कसके थप्पड़ भी लगा रहा था। भाभी की मस्त यातना के साथ चूदने की हसरत पूरी हो गयी थी। हम लोगो से भाभी को एक साथ खूब चोदा। उनके दोनों छेद चोद चोदकर चौड़े कर दिए। हम सभी खूब मस्त चुदाई में रत हो गए। हम सभी कामता भाभी को खूब कसके चाटे मार मारकर पेल रहे थे। यकीनन उसका bdsm का सपना पूरा हो गया था।
मैंने और चिराग ने भाभी को एक घण्टे तक चोदा पर ना तो मैं ना चिराग आउट हुआ। अब चिराग कामता का मुँह चोदने लगा। जबकि अनिमेष उनके नीचे लेट गया। मैंने भी छेद बदल लिया। अब मैं सबसे ऊपर आ गया और भाभी की बुर चोदने लगा। बड़ी देर इसी तरह चुदाई हुई। कामता छिनाल के दोनों छेद हम तीनों ने चोद चोदकर रवा कर दिए। मैं बारी बारी से दोनों छेद देखे, दोनों खूब चौड़े हो चुके थे।
बोलो भाभी !! मजा आया?? मैंने पूछा
समर!! बड़ा मजा आया रे!! भाभी बोली
फिर चिराग किचन ने लाइटर ले आया। जहाँ मैं और अनिमेष भाभी की बुर और गाण्ड के सुराख़ बड़े कर रहे थे, चिराग उनको लाइटर ने दागने लगता। बॉप रे!! कामता की तो गाण्ड ही फट गई। लाइटर ने दागने से भाभी को करेंट सा लगता। चिराग उनका मुँह लगातार चोदता रहा, और कभी दोनों चुच्ची की निपल्स को लाइटर से दागता, कभी उसके पेट और नाभि को। मुझे इतना जोश चढ़ा की मैंने चिराग ने लाइटर छीन लिया। भाभी की बुर में लाइटर डाल दिया और अंदर कई बार दाग दिया। कामता भाभी की गाण्ड फट गई।
रहने दो! रहने दो!! कहने लगी
अब क्या हुआ छिनाल!! माँ चुद गयी तेरी?? अब क्यों मना कर रही है!! मैंने कहा और भाभी की योनि के अंदर ही 8 10 बार दाग दिया। हम तीनों ने उनपर जरा भी रहम नही किया। फिर मैं उनकी बुर चोदने लगा। फिर अनिमेष ने मुझसे लाइटर ले लिया। कामता की गाण्ड में लाइटर डाल दिया। और धाँऐ धाँये 10 15 बार गाड़ में ही दाग दिया। भाभी की माँ चुद गयी। मैंने भाभी की यादगार के लिए उनके ही मोबाइल से खूब फोटो खींची और वीडियो भी बना दिया। इस तरह दोंस्तों, हम तीनों दोंस्तों ने बदल बदल के कामता भाभी के तीनों छेद रवा कर दिए।
फिर हम तीनों ने कामता को एक बास ने रस्सियों से बांध दिया। उसके हाथ पैर इसतरह खोल कर बांधे की उसकी बुर और गाण्ड साफ साफ दिखे। फिर हम तीनों ने कामता को छत पर लगे लोहे के मोटे मोटे कुंडों से हवा में टांग दिया। मैं जरा आराम करने लगा। कामता के मुँह में हमने एक बेल्ट बांध दी। ये इसी काम में आती है। इसमें एक बड़ी सी गेंद होती है जो औरत के मुँह में ठूस दी जाती है जिससे वो चीख ना पाए। हम तीनों ने रस्सियां इतनी कसी बांध दी की चाहकर भी छिनाल मना ना कर पाए। अब चुदासी कामता भाभी नँगी एक बॉस पर हवा में झूल रही थी। चिराग और अनिमेष उनके आगे पीछे खड़े हो गए। चिराग ने उनकी बुर में लण्ड पेल दिया, वही अनिमेष ने गाण्ड में लण्ड डाल दिया। कामता की कमर को पकड़ लिया और दोनों बन्दे उसका मस्त चोदन करने लगे।
दोंस्तों, ये बड़ा ही मस्त चुदाई वाला सीन लगा। कामता नँगी हवा में झूल रही थी। फिर 20 30 मिनट बाद अनिमेष हट गया। तो मैं कामता की गाण्ड चोदने लगा। इस तरह हवा में हम तीनों ने रस्सियों में बांधकर कामता भाभी को पेला खाया, फोटो खींची और वीडियो बनायीं। उस रात दोंस्तों, हम तीनों ने कामता को तरह तरह ने यातनाएं दी और खूब मार मारकर चोदा साली को। सुबह तक कामता के तीनों छेद बड़े हो गए थे। सुबह वो इतना खुश हुई की उसने हम तीनों को 1 1 हजार की बकसीस दी। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.
कामता भाभी के हस्बैंड गुप्ता के ना आने तक हम तीनों ने उनको 5 दिनों तक उनके स्टाइल से खूब पेला, चोदा, खाया। हम तीनों से साबित कर दिया की अगर भाभी एक नम्बरी है तो हम तीनों भी 10 नम्बरी है।