दोस्तों मेरा नाम आशु पाठक हैं मैं बलिया (उत्तरप्रदेश) का रहने वाला हूँ. अब मैं कहानी पे आता हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची घटना हैं जो 2007 मे मेरे साथ घटी थी, मेरे घर मे मेरे अलावा एक मेरे बड़े भाई हैं उनकी शादी 1999 मे हो गयी थी उनको दो बच्चे हैं आरोव और गुड़िया मेरी भाभी का नाम विनीता हैं वो बहुत ही सुंदर हैं उनका शरिर भरा पूरा हैं दो बच्चे होने के बाद भी कमाल का हुस्न हैं सबसे अच्छी उनकी गाड़ हैं जो एक दम पीछे से चलने पे कयामत ला देती हैं और बूब्स तो बड़े बड़े खरबूज की तरह हैं. लेकिन इस बात पे मैने कभी ध्यान नही दिया था बीसीए तक पहुचने तक मैने कभी सेक्स नही किया था बस मैं अपने पढ़ाई से मतलब रखता था खाना खाने घर पे आता था और खाने के बाद अपने बंगले पे चला जाता था.
एक मेरा दोस्त था संजय जो मेरे बचपन का साथी था वो गाँव की 4-5 लड़कियों को चोद चुका था वो ही मेरे पास आता था और चुदाई की बातें बताता था तब मैं उसको टाल देता था और बोलता था नही यार मुझे पढ़ाई करनी हैं और वो चुप हो जाता था बोलता था यार इतनी तगड़ी बॉडी हैं तेरी तेरे से जो लड़की चुदेगि वो तेरे लंड की दीवानी हो जाएगी मैने बोला साले जब शादी होगी तभी मैं अपनी बीबी को जम के चोदुन्ग!. इस लिए मुझे अभी पढ़ाई करनी हैं. फिर वो चला गया जैसा की मैने पहले बताया हैं की मैं पढ़ाई करता था इस लिए पापा ने मुझे लॅपटॉप खरीद के दिया था और एक मोबाइल 3110 जिससे मैं लॅपटॉप से कनेक्ट कर के मेल चेक करता था. दूसरे दिन फिर संजय आया और उसने मुझे एक सीडी दिया और बोला रात मे अगर मान ना लगे तो इस को देखना.
मैने पढ़ाई पूरी करने के बाद रात मे इस सीडी को देखा और देखने के बाद मेरे मन की वासना जाग गयी मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया और मुझे बेचैने होने लगी फिर मैने अपना लंड(6 इंच लंबा, 3.5 इंच मोटा) पकड़ के हाथ से हिलाया फिर एक दो मिनिट हिलने के बाद मेरे लंड ने पिचकारी . गयी! मुझे बहुत आनद आया. फिर मैं सो गया उस दिन से मैं लगातार सीडी एक बार ज़रूर रात को देखता था. अब मुझे भी किसी लड़की या औरत को चोद ने का मान करने लगा, लेकिन मैं तो शुरू से किसी से बोलता तक नही था अपनी भाभी से भी नही फिर भला मुझ से कौन सेक्स करने देता, अब मेरे मान मे ये ख़याल आने लगा की भाभी से चक्कर चलाया जे लेकिन मैं बदनामी से डरता था.
अब मेरे अंदर बदलाव आने लगा जब भी मैं घर पे खाना खाने जाता तब मैं नज़रें बचा के भाभी को देखने लगा था भाभी इस बात को समझ रही थी क्योंकि वो शादी शुदा थी और पूरी एक्सपीरियेन्स पर्सन थी. एक दिन एसा हुआ की घर के सभी लोग पड़ोस के गाँव मे शादी थी इस लिए चले गये थे मैं नही गया की मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी फिर भैया ने बोला विनीता तुम भी रुक जाओ आशु को खाना बनाने मे दिक्कत होगी और फिर कल हम लोग तो आ ही जाएँगे भाभी बोली ठीक हैं. सब लोगों के चले जाने के बाद मैं पढ़ाई पूरी कर के घर आया. भाभी को आवाज़ लगाया भाभी लग रहा था सो गयी थी क्योंकी डिसेंबर का महीना था ठंडी का. जब वो दरवाजा खोलने आई तो बस बॉडी वॉर्मर पहने हुई थी, जो उनके पूरे बदन मे फीटिंग था.
उस ड्रेस मे उनका बूब्स और उनका बड़ा सा गाड़ दिख रहा था मैं तो देखते ही रह गया तब वो बोली. देवर जी क्या हुआ येसे क्या देख रहे हैं अंदर आएँ बाहर ठंडी है, जब मैं अंदर आया तो बोली कभी नही देखें हैं क्या जो देख रहे हैं इतने ध्यान से मैने बोला देखा तो हैं लेकिन हॅमेसा सारी मे आज तो आप कमाल की लग रही हैं फिर भाभी ने बोला सच मे मेरा क्या कमाल का लग रहा है मेरी चुचि या और कुछ फिर इतना सुनते ही मैं समझ गया की भाभी को भी अंदर से मान हैं चुद्वने का फिर मैं उनको जा के पीछे से पकड़ लिया फिर वो छुड़ाने की हल्की कोसिस करते हुए बोली मुझे पता हैं की आप जवान हो लेकिन मेरे शादी हुए पूरे 8 साल हो गये लेकिन आप तो बात ही नही करते थे लेकिन मैं देख रही हूँ की तुम पिछले 10 दिन मुझे देख रहे थे मैने बोला हाँ भाभी पिछले 10 से मैने चुदाई की सीडी देखी हैं तब से मैं आपके साथ सेक्स करने का मन था वो बोली झूठे कही के अगर करना ही था बोल देते,
मैं सोच रहा था की पहले आप बोलो, मैने बोला छोड़ो ना भाभी चलो वो बोली कहाँ फिर मैने झट से उनको गोद मे उठा लिया और लेकर कमरे गया वाहा जाने के बाद मैने उनको पलंग पे सुला दिया और मैं उनके बगल मे लेट गया और बिना देर किए अपना होठ उनके होठ पे रख के चूमने लगा भाभी भी सपोर्ट करने लगी उसके बाद मैने एक हाथ उनकी लोवर के अंदर कर चूत पे ले गया तो देखा की एक भी बाल नही थे मैने बोला भाभी आपके बाल कहा गये वो बोली आज ही सॉफ किया हैं सुबह मे फिर मैने बोला मेरी जान आज पूरी सेक्स के मूड मे हैं वो बोली हाँ देवर जी आपको देखते देखते 7 साल गुजर गये लेकिन आप मेरे तरफ देखते भी नही थे मैं सोचती थी की मैं इतनी मस्त हूँ फिर आप क्यों नही देखते? मैने बोला आज 7 साल का सारे शिकवे गीले दूर कर दूँगा.
फिर भाभी ने मेरे अंडरवेर मे हाथ अंदर कर के मेरा लंड पकड़ लिया पहली बार किसी औरत का हाथ पड़ते ही मेरा लंड टाइट होने लगा वो बोली बाप रे बाप इतना मोटा मैने बोला आज ये आपके लिए हैं. हम एक दूसरे के अंग से खेल रहे थे फिर मैने उनके उपर और नीचे के लोवर निकल दिया और रज़ाई के अंदर दोनो नंगे हो गये फिर मैने भाभी को अपने सिने से सटा के उनके दोनो बूब्स को दबाना चालू किया अब वो गरम हो गयी थी बोली की अब चोदो मेरे राजा इतना सुने के बाद मैं उठा और सीधे उनके टाँगों के बीच जा के दोनो पैर फैला दिया फिर मैं उनके चूत को देखने लगा बोली क्या हुया मैने बोला कुछ नही पहले बार रियल मे चूत देख रहा हूँ अभी तक तो सीडी मे देखा था, कैसे लगी मेरी बूर मैने बोला भाभी आपकी तो काफ़ी फूली हुई बूर हैं फिर मैने उनके बूर को अपने जीभ से चाटने लगा बड़ा ही नमकीन स्वाद लग रहा था
थोड़ी देर चाटने के बाद भाभी ने कस के मेरा सर पकड़ लिया और अपने बूर पे दबा दिया मेरा पूरा मुँह पानी से भर गया फिर मैने बोला क्या हुआ वो बोली मेरा माल निकल गया फिर मैने बोला अब क्या होगा वो बोली थोड़ी देर आराम कर लो फिर करना ये बोलकर वो अपना गाड़ मेरी तरफ फेर कर आराम करने लगी, लेकिन मेरा लंड अभी खड़ा था क्यों की मैं हाथ से अपना माल निकाल के आया था घर पे खाना खाने, मुझे गुस्सा आया और एक ज़ोर से छपत मारा उनके गाड़ पे वो बोली …आ… अऔच क्या हुया मैने बोला अभी तक बड़ी बेचैन थी अब क्या हुआ. फिर भाभी के लाख माना करने के बावजूद मैने उनको सीधा लेटा के उनके दोनो टांग अपने कंधे पे रख कर अपना लंड उनकी चूत से टीका कर पूरे गुस्से मे एक ज़ोर का प्रहार किया मेरा पूरा लंड उनकी बूर को चीरता हुआ अंदर घुस गया वो दर्द के मारे कराहने लगी, फिर थोड़ी देर रुक कर फिर से धक्के लगाने लगा लगभाज आफ्टर 10 मिनिट मैं उनके उपर लेट गया और मेरा माल उनकी बूर मे ही निकल गया. फिर हमने एक दूसरे को पकड़ कर सो गये.फिर सुबह मे भी उनको एक बार फिर चोदा उसके बाद तो मेरे भाभी के रीलेशन हो मस्त हो गया अब जब भी मौका मिलता हैं मैं उनको पकड़ कर पेल देता हूँ .मैने भाभी का गाड़ कैसे मारा ये अगली कहानी मे मैं लिखूंगा अगर कहानी ठीक लगे तो रिप्लाइ करना
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