Sex with Brother: मेरा नाम निहारिका है, मैं कानपूर की रहने बाली हु, आज मैं आप को एक अपनी कहानी सुनाने जा रही हु, ये कहानी मेरे और मेरे भाई के बिच सेक्स सम्बन्ध का है, मैं ये कहानी आप लोगो को इसलिए बता रही हु ताकि मेरे दिल का बोझ कुछ कम हो जाये, दोस्तों मैं अपने रिश्ते को ना तो जायज कह रही हु ना तो नाजायज, जायज और नाजायज तो सिर्फ आपके लिए है, मेरे लिए तो दिल का शकुन है, और हां मैं मानती हु, की समाज इससे अच्छा नहीं कहेगा, पर करें भी तो क्या दिल पर किसी का जोर नहीं दोस्तों. आज मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आपके लिए ये सेक्स की कहानी शेयर कर रही हु, आशा करती हु की आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगेगी.
ये सिलसिला को करीब एक महीने हुए है, मैं 22 साल की हु, मेरी शादी को हुए अभी एक साल हुए है, पाप ने अपने दोस्त के बेटे से मेरी शादी करवा दी. पर मेरा पति मेरे लायक नहीं था, दोस्तों ये मेरे लायक ही नहीं वो किसी के लायक नहीं था, मेरा पति गे है, उसका लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं है, उससे लड़का चाहिए, वो लड़के से ही सेक्स करना चाहता है, उसका लंड चूत देखकर कडा नहीं होता उसका लंड लड़के की गांड देखकर खड़ा होता है, मैंने कई बार कोशिश की की गांड ही मरा लू, पर तब भी कामयाब नहीं हो पाई, तो दोस्तों आप ही बोलो क्या मैं उसके साथ रहती? दोस्तों मैं शादी के दस दिन बाद ही ससुराल छोड़ दी, मैं पूरी ज़िन्दगी कैसे काटती, मैंने जो सही समझा वो किया.
जब मैं वापस अपने अपने घर आई तो मैंने सब बात अपने माँ और पापा को बताई, पर वो मेरे दुःख में शामिल ना होकर उन्हें समाज की चिंता हुई, और मुझे भी घर से बाहर कर दिया, इसके पहले वो मेरे भाई को भी घर से बाहर कर चुके है, मेरा भाई दिल्ली में रहता है, उसने भी लव मैरिज किया था तभी से माँ और पाप नाराज है, पर अब भाभी भी साथ नहीं है क्यों की वो भी भैया को छोड़ कर अपने पुरानी प्रेमी के साथ भाग गई है. तो अब आपको समझ आ गया होगा की मेरा परिवार ख़ुशी परिवार नहीं है. जब मुझे माँ और पाप दोनों घर से निकाल दिया तो मैंने अपने भाई को फ़ोन की, की भाई मेरे साथ ऐसा ऐसा हुआ है, भाई मुझे बहूत प्यार करता है, उसने तुरंत ही ट्रैन का टिकेट ऑनलाइन बुक कर के भेज दिया और बोला तुम दिल्ली आ जाओ.
मैं उसी दिन शाम को कानपूर से दिल्ली के लिए रवाना हो गई, दूसरे दिन सुबह सुबह ही दिल्ली पहुच गई भाई मुझे लेने नई दिल्ली स्टेशन आ गया था और मैं उनके पास पहुच गई. मेरा भाई एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पद पे है, मैं घर पहुची आपको तो पता है, मेरा भाई एक आलीशान घर में अकेले रहता है, हम दोनों भाई बहन ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे, भैया का जो बैडरूम था वो मैं आज तक देख नहीं पाई थी, क्यों की उसमे ताला लगा होता था, सिर्फ रात को वो अंदर जाते और अंदर से बंद कर देते और सुबह बहार निकलते ही वो कमरा बंद कर देते बाहर से मैं समझ नहीं पा रही थी की क्या है उस कमरे में. दोस्तों एक दिन वो चाभी भूल गए, टेबल पर ही ड्राइंग हॉल में और वो ड्यूटी चले गए, मैंने उस कमरे को खोली तो हैरान रह गई.
आलीशान कमर था, एक कोने में बड़ा सा टीवी, एक कोने में शराब की कई सारे ब्रांड आलमारी में, और एक पूरी दिवार पर, नंगी नंगी लड़कियों का फोटो, बेड के बगल में एक स्ट्रे (सिगरेट झड़ने का डब्बा) और एक और डब्बा था, मैंने उठा कर सूंघ कर देखि तो पता नहीं चला ऊँगली दाल कर देखि तो समझ आ गया, वो शायद मेरा भाई हस्थमैथुन करता और एक डब्बे में जमा करते जाता, अंदर से सुख और ऊपर से गीला गीला था, अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी. मैं समझ गया की ये चूत का मारा है, और चूत की याद में ही ये सब कुछ कर रहा है.
रात को एक बजे आया, मैं कहना खा चुकी थी, उसके साथ कोई लड़की थी, काफी हॉट सी दिख रही थी, क्यों की उसकी आधी चूचियां बाहर लटक रही थी, और मेरे भाई के हाथ में हाथ डाले शराब के नशे में झूम रही थी. आते ही बोला की निहारिका तुम सो जाओ. मैं तो आज पूरी रात मस्ती करूँगा, मैं चुपचाप कमरे में चली गई. मुझे काफी गुस्सा लग रहा था, पर कर भी क्या सकती. मुझे पता नहीं था की बड़े बड़े शहरों में ये सब आम हो गया है. मेरा मन नहीं माना थोड़े देर बाद उठ कर आई. और संयोग से भाई ने अपना कमरा भी ठीक तरीके से बंद नहीं किया था थोड़ा खुला था, मैं परदे के पीछे कड़ी हो गई और देखने लगी. मेरा भाई उस लड़की को चोद रहा था, वही पर दो पेग शराब के थे, निचे से वो गांड उछाल रही थी और हाय हाय हाय कर रही थी. और मेरा भाई जोर जोर से धक्के दे रहा था, चूचियों को मसल रहा था, कभी उठा के कभी बैठा के कभी निचे से कभी ऊपर से.
दोस्तों ये सब देखते देखते मेरा मन भी वासना से भर गया, और मुझे लगने लगा की उस लड़की के जगह पर मैं होती, तो क्या मजा आता, मैंने अपना निचे का पेंट और पेंटी दोनों उतार दी, और वही स्टूल लेकर बैठ गई और अपनी ऊँगली से चूत को सहलाने लगी. और फिर मैंने ऊपर का भी कपड़ा उतार फेंका, और अपने हाथों से ही चूचियों को मसलने लगी. मेरे मुह से सिसकारियां निकलने लगी. उधर बरसात हो रही थी और इधर सूखा पड़ा था, मतलब की वह तो चुदाई हो रही थी और इधर में सिर्फ ऊँगली से ही काम चला रही थी, मैं ऊँगली डाल डाल कर इतनी कामोतेज्जित हो गई की मेरी आँखे बंद हो गई और मैंने अपने चूत में ऊँगली दे कर मजे ले रही थी. तभी मेरा हाथ किसी ने पकड़ लिया.
मैं देख कर दंग रह गई. वही लड़की नंगी खड़ी थी, भाई अंदर बेड पे बैठा था, और वो मेरा हाथ पकड़ कर अंदर बुला रही थी. मैं थोड़ा शर्माते हुए अंदर चली गई. मैं पूरी नंगी थी. मैं जैसे ही भाई के पास पहुची तो भाई हाथ पकड़ कर अपने गोद में बैठा लिया, उसकी लंड मेरे गांड के पास सेट हो गया था और मुझे चूमते हुए मेरी चूचियों को दबाने लगा. वो लड़की मेरी पीठ को सहलाते हुए लिटा दी. अब भाई ने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया, और वो रंडी मेरे चूत को अपने जीभ से चाटने लगी. दोस्तों आज तक ऐसा एहसास नहीं हुआ था. मैं बहूत ही ज्यादा खुश थी. फिर भाई ने मुझे चोदना शुरू किया, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.
दोस्तों मेरा भाई कभी मुझे चोदे कभी उस रंडी को, दोस्तों रात भर वो वियाग्रा खा खा कर और शराब पि पि कर है दोनों को चोदा, मुझे पहली बार सेक्स का इतना आनंद मिला, हम तीनो मिलकर एक दूसरे को भरपूर सहयोग दिए, रात भर चुदवाने के बाद मेरा चूत काफी सूज गया था. वो लड़की सुबह छह बजे ही चली गई. पर मेरा भाई मुझे बाहों में फिर से भर लिया और, मुझे फिर से चोदने लगा. दोस्तों भाई बोला बहन घर का माल घर में ही रह जाये तो अच्छा है, अब आज से मैं किसी को नहीं लाऊंगा, जब तुम हो तो किसी की क्या जरूरत. और फिर हम दोनों भाई बहन एक नहीं ज़िन्दगी जीने लगे.
मेरा भाई रंडी के साथ साथ मुझे भी चोदा दिल्ली में : Sex kahani, sister ki chudai, bahan ki chudai ki story, sex with my real brother, chudai ki kahani bhai aur bahan ki, Sex with Sister true story, Chudai kahani Bhai aur Bahan ki, Sex with Sister true story in Hindi