हेलो दोस्तों, आपको अजीब लग रहा होगा पर ये बात सच है मैं निर्मला देवी ४० साल की हु, आज मैं आपको एक कहानी कह रही हु, जो की कई लोगो को अच्छा नहीं लगेगा क्यों की कई लोगो के लिए रिश्ते बहुत अहम होते है, मेरे लिए भी रिश्ते बड़े ही अहम थे पर हालात कब किसका क्या हो जाये और उस हालात से क्या समझौता करना पड़े ये भगवान को भी नहीं पता है, आज मैं अपनी एक दर्द भरी सेक्स कहानी आपके सामने ला रही हु, मुझे ये कहानी लिखने की प्रेरणा नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम से ही मिली है, मैं इस वेबसाइट की नई पाठक हु, मेरे पड़ोस की एक महिला ने इस वेबसाइट के बारे में बात की, वो भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की रेगुलर विजिटर है. उनका नाम सुमन है.
मैं दिल्ली में रहती हु, मेरे पति कॉलेज में प्रोफेसर थे, पर एक रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई, मैं माँ बेटी इस दुनिया में रह गए सारे जल्लत झेलने के लिए, पर कई बार ऐसा लगता है की कोई मसीहा आया है ज़िंदगी में और वो ज़िंदगी को वो नहीं खुशियों की मुकाम तक ले जायेगा, ऐसा ही हुआ, जब मेरे पति ज़िंदा थे तभी एक लड़का था जो की इनके पास आया करता था, पढाई करने के लिए, वो बहुत ही मिलनसार था और धीरे धीरे वो मेरे परिवार से काफी घुलमिल गया, मेरे परिवार को लगता ही नहीं था की वो कोई अलग है, वो लगता था मेरे परिवार का ही सदस्य है. जब मेरे पति हॉस्पिटल में थे तब वो खूब सेवा किया था, वो हमलोग के दिल में घर कर गया था,
मेरे पति की मृत्यु हो गई, वो मेरा अपना मकान था दिल्ली में, और वो दिल्ली के मुख़र्जी नगर में लॉज में रहता था, मेरा ऊपर का फ्लोर खाली था, तो मैंने सोचा की क्यों ना रवि को यही रहने के लिए कह दू, घर में एक मर्द भी हो जायेगा नहीं तो अकेली औरत की फैमिली को तो आप समझ सकते है, तो मैंने रवि को कह दिया की रवि तुम चाहो तो ऊपर बाले फ्लोर पे रह सकते हो, तुम्हारा लॉज का किराया भी बच जायेगा, और वो यही आ गया रहने के लिए, लड़का बहुत ही अच्छा था तो हमलोग को लगा की ये हमलोग का सहारा हो जायेगा.
मेरी बेटी जो की 22 साल की है उसका नाम है रेणुका वो दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम ए कर रही है, और रवि भी एम ए कर रहा है दोनों का सब्जेक्ट राजनीती शास्त्र है, तो दोनों को काफी हेल्प होने लगा, वो लोग आपस में बातचीत करते और पढाई भी करते, मुझे भी अच्छा लगने लगा की जो मेरी फूल सी बेटी हमेशा पापा के जाने के बाद उदास रहती थी उसके चेहरे पे हसी थी, मुझे भी अच्छा लगा,
एक दिन की बात है मेरा भाई जो की गाजिआबाद में रहता है उसके अचानक तबियत खराब हो गई, तो मैं वही चली गई, रेणुका को भी बोली की चलो तो वो बोली मुझे नोट्स सबमिट करने है कॉलेज में तो मैं नहीं जा पाऊँगी, तो मैं अकेली ही चली गई, उस दिन तो वापस नहीं आ पाई, दूसरे दिन दोपहर को आई, गर्मी का दिन था, मैं गेट सटाया हुआ था, अंदर से कुण्डी नहीं लगी थी तो मैं समझ गई की रेणुका कही आस पास कोई दुकान गई होगी, इस वजह से खुला है, मैं अंदर चली गई, जब अंदर गई अपना बैग ड्राइंग रूम में राखी और बाथरूम से वापस आके बैडरूम में जैसे ही एंटर करने के लिए सोची मेरे होश उड़ गए,
मैं परदे के पास छिप गई और देखने लगी, क्या बताऊँ आपलोग को मेरी बेटी निचे नंगी थी और रवि उसको चोदे जा रहा था, हरेक झटके पे रेणुका आअह आआह आआह आआह आआह कर रही थी, रेणुका की बड़ी बड़ी चूचियाँ हरेक झटके पे हिलती और रवि हरेक झटके पे एक गाली देता ले साली ले ले साईं ले, मैं अवाक् रह गई, मैं रवि को देख रही थी किस तरह से रेणुका के चूचियों को मसल रहा था, पर मेरी बेटी भी काम नहीं थी वो रवि के चूतड़ को पकड़ के अपने छूट से सटा रही टी और हाय हाय हाय कर रही थी, कह रही थी चोद मुझे चोद, चोद मुझे चोद, रेणुका आअह आअह आअह कर रही थी, मैं वही से चुपचाप खड़ी होकर सारा माजरा देख रही थी, वो वो दोनों शांत हो गए, रवि अपना लंड से सारा माल रेणुका के मुझ पे डाल दिया,
मैं वापस हो गई और घर से बाहर आ गई, ताकि वो लोग को लगे की मैं अभी आ ही रही हु, करीब १० मिनट बाद आई और बेल्ल बजाय रेणुका निकली बाल बिखरे थे कपडे भी अस्त व्यस्त मैंने पूछा क्या हुआ रेनू तो बोली सो रही थी मैं, अंदर आई तब तक रवि ऊपर जा चूका था, मैं सब समझ गई, उस दिन रेनू को कुछ भी नहीं बोली, दूसरे दिन मैं रवि को मैं पूछी की रवि ये सब क्या हो रहा है, कल मैं जब वापस आई तो तुम लोग को सब कुछ करते हुए देख ली, मैंने तुम्हे अपने घर में जगह दिया ताकि तू मेरी हेल्प कर सको पर तुमने तो विश्वास घात किया, तुमको मैं अपने घर का सदस्य मानती थी पर तुमने को रेणुका को कही का नहीं छोड़ा, तुमने तो मेरा घर बर्बाद कर दिया, वो चुपचाप सब बात को सुनता रहा.
तभी रेणुका आ गई जैसे वो अंदर आई वो वोमेटिंग करने लगी, और कहने लगी जी मिचला रहा है, मुझे लगा की ये सब तो तब होता है जब कोई लड़की प्रेग्नेंट हो, मैं चुप चाप मेडिकल से प्रेगनेंसी टेस्ट करने की किट लाइ और रेणुका को बोली रेणुका मुझे बताओ टेस्ट कर के, तब रेणुका बोली की मम्मी टेस्ट करनी की कोई जरूरत नहीं, मैं रवि के बच्चे की माँ बनने बाली हु, ऐसे भी मैं आपको बताने ही बाली थी, तो मैंने कहा रेणुका अभी तुम इसका एबॉर्शन करवाओ, पर वो नहीं मानी, मैंने कहा रवि से रवि तुम अब इज्जत बचाओ, मैं कही की रहने बाली नहीं रहूंगी मैं बदनाम हो जाउंगी, तुम शादी कर लो रेणुका से, रवि तैयार नहीं हो रहा था, उसने एक शर्त रखी.
की मैं शादी तभी करूँगा जब आप मुझसे सेक्स सम्बन्ध बनाओगे, मैंने कहा ये क्या कह रहे हो, तो बोला हां मैं सही कह रहा हु, अगर आप मेरे से सेक्स सम्बन्ध बनाते हो तो मैं रेणुका से शादी करने के लिए तैयार हु, मैंने काफी समझाने की कोशिश की पर वो नहीं माना उलटे बोला की मैं आप लोग को छोड़कर चला जाऊंगा, मैं डर गई मुझे बदनामी का डर था, मैंने हां कर दिया, रेणुका और रवि की शादी कोर्ट में करवा दी, उसने रुनुका के साथ साथ मेरे साथ भी सुहागरात मनाया,
क्या बताऊँ दोस्तों मैं रवि की रखैल बन कर रही हु, मैं अपनी चुदाई की वर्णन क्या करूँ, वो रात भर मेरी बेटी को चोदता है और दिन भर मुझे चोदता है, यहाँ तक की ये बात रेणुका को भी पता चल गया है, की मेरी माँ को भी रवि चुदाई करता है, अब तो सब कुछ खुले आम हो रहा है, रवि को जब जिसके साथ सोने का मन करता है उसके साथ सोता है, मैं भी खुश हु, मैंने अपने हालात से समझौता कर लिया है, हम तीनो हँसी ख़ुशी ज़िंदगी बिता रहे है, आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी रेट जरूर करें प्लीज.