दोस्तों ज़िंदगी में मजे तभी मिलते है जब आपको जो चाहिए वो मिले, आप खुद ही सोचो आपके मन में कई सारे भाभी, लड़की, आंटी, होगी जिसको आप मन में सोच के मूठ मारते है, अगर सोचो ये सही हो जाए तो आपको कैसा लगेगा, आपको उसी को चोदने का मौका मिल जाये तो कैसा लगेगा, आप जो वीर्य बाथरूम में या बेड के निचे डाल देते हो वही वीर्य अगर उसके चूत में गिरे तो कैसा लगेगा, होगा ना तब मजे का दिन. आज मैं अपनी भी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे लेके आ रहा हु, क्यों की मेरा भी फ़र्ज़ बनता है की मैं भी अपनी कहानी पोस्ट करूँ,
मेरा नाम मुकेश है, २२ साल का हु, दिल्ली में रहता हु, मैं दिल्ली पढाई करने के लिए आया था, पर मैं यहाँ घर जमाई बन गया और अब तो मत पूछो क्या क्या हो रहा है, मस्त लाइफ कट रही है, चुदाई ही चुदाई, आपने पढ़ा होगा दुकान के सामने मोबाइल ही मोबाइल, फ्लैट ही फ्लैट, ऐसा मेरे मन में सिर्फ चुदाई ही चुदाई, हा हा हा हा हा हा हा, क्या करूँ यार बहुत खुश हु आजकल. तो बात शुरू हुई ठण्ड के दिनों से मेरा संडे को कोचिंग में छुट्टी रहती थी, मैं छत पे धुप सेक रहा था वही बगल के घर के छत पे भी दो बहने होती थी, वो मुझे देखते रहती थी, बड़ी तो ज्यादा देखती थी, मुझे धीरे धीरे मजा आने लगा अब तो वो जैसे ही छत पे चढ़ती थी मैंने भी में छत पे चढ़ जाता था और बस नजर की प्यास बुझाते रहता था, रात में या कभी कभी दिन में भी उसके याद में मूठ मार लिया करता था. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. मूठ मारने का कारन ये होता था की, उसका सेक्सी अंदाज़, उसके शरीर की बनावट, उसके उभरी हुयी बड़ी बड़ी चूचियाँ. मुझे बड़ी बड़ी चूची बहुत पसंद है, उसके चूतड़, हाय क्या बताऊँ दोस्तों जब भी मैं उसके चूतड़ की उभर और चलते हुए दोनों चूतड़ ऊपर निचे ऊपर निचे मैं तो फटा फट लैंड को अपने हाथ में ले लेता था.
वो हेल्ती थी, बड़ी बड़ी चूची, कमरे और पेट की बनावट ओह्ह्ह मजा आ जाता था उसे देख के, फिर बात थोड़ी और बढ़ी, था दिवाली का दिन मैं काफी पटाखे लाया छोड़ने के लिए निचे गया तो वो तीनो भी थे, उसके पापा गोवा के एक होटल में मैनेजर है, वो यहाँ कम आते है, तो दिल्ली में दोनों बेटियां और माँ ही रहती है, मैंने उनलोगो को दिवाली विश किया, और थोड़ी बात की तो उसकी मम्मी ने मुझे उसी समय चाय पिने के लिए बुला लिया और मैं भी उनके साथ उनके घर गया, मुझे मिठाई दिया, क्या बताऊँ दोस्तों मुझे पहली बार थोड़े नज़दीक से दीदार करने का मौक़ा मिला उन बड़ी बाली लड़की पायल को, छोटी का नाम छोटी ही था, और उसकी माँ दोनों से कम नहीं थी यानी तीनो एक पर से एक, फिर क्या था वो लोग मेरी बातों से काफी आकर्षित हुए जैसा की अक्सर लड़का लड़की को देखकर अच्छी अच्छी बाते करता है, आपका क्या ख्याल है आपने भी जरूर की होगी…….
धीरे धीरे आना जाना सुरु हो गया, और मैं और पायल करीब आ गए, एक बस दो महीने बाद नया साल आ गया था, फर्स्ट जनुअरी को मैंने नए साल की शुभकाएँ दी और पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने अपनी बाहे फैला दी और वो भी मेरी बाहों में आ गयी, मुझे पहली बार किसी लड़की की चूच की दवाब महसूस हुआ, मैंने उसके पीठ पे हाथ रखा तो ब्रा को टटोल सका, ओह्ह्ह उसके बदन की खुसबू मजा आ गया था अब तो बस पायल का ख्याल मेरे मन में था, और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ा और इजहार होके शादी तक हो गयी,
पहली रात को मैंने देशी स्टाइल में ही चुदाई की, जैसे की आपलोग सुहागरात की सीन किसी बी ग्रेड सिनेमा में देखते है, खूब मजे किये, सील टूटा, बूर चाटा, दूध पिया, पूरा आत्मा शांत हो गया, करीब १० दिन तक दिन में पांच पांच बार चुदाई होती थी, ज़िंदगी मजे में था, पर मैंने पायल को पा लिया था अब मुझे छोटी की चूत चाहिए थी, इस वजह से मैंने छोटी को भी फ़्लर्ट करना सुरु किया, एक दिन पायल और मेरी सास मंदिर गयी थी वो मंदिर घर से काफी दूर था तीन चार घंटे लगते, तभी मैंने छोटी को भी चोद दिया, उसकी चूत काफी टाइट थी, दूध भी बड़ा बड़ा था, बूर को चाटा, बूर की पानी भी पि, और फिर से एक कुंवारी लड़की की सील तोड़ी यानि की १० दिन के अंदर दोनों को मैंने चोद दिया, अब तो दिन में एक बार पायल को चोदता, पायल को चोदने के लिए तो कभी भी कुण्डी लगा लेता पर छोटी को चोदने के लिए मुझे अकेले के जरुरत होती थी, तो कभी पायल नहाने जाती और माँ जी इधर उधर होती तभी मैं छोटी को भी चोद देता.
ऐसा ही चलता रहा, फेब्रुअरी का महीना था पायल और छोटी एक बेड पे रजाई ओढरकर टी वि देख रहे था और मैं और मेरी सासु माँ एक बेड पे, मेरी सासु माँ मेरे पैर के तलवे को दबा रही थी क्यों की उस दिन दर्द हो रहा था, अचानक मेरा पैर उनके चूची को टच किया मेरा पैर उनके रजाई के अंदर था, फिर मैंने धीरे धीरे उनके चूच को टच करता, तभी पायल और छोटी निचे गयी किसी काम से तभी सासु माँ बोली क्यों दोनों से जी नहीं भरा, मैंने अवाक् रह गया, मैंने कहा क्या कह रहे हो सासु माँ, बोली हा मुझे पागल मत समझो मैंने देख रही हु आजकल छोटी भी चुद रही है आपसे.
तो मैंने कह दिया तो फिर आपका क्या ख्याल है, बोली ठीक है मुझे भी तो चाहिए, कब दे रहे हो, मैंने कहा आज रात को ही, बोली नहीं नहीं, एक काम करते है, कल सुबह छोटी और पायल को मसि के यहाँ भेजते है, किसी बहाने से वो शाम तक आएगी तब तक हम दोनों रास लीला करेंगे. मैं समझ गया ये साली भी बड़ी कुत्ती चीज़ है, वही हुआ सुबह उन्होंने दोनों को मसि के यहाँ भेज दी, और फिर सुरु हो गए खेल सास के साथ, सासु मा की चौड़ी गांड, बड़ी बड़ी चूच, चौड़ा पेट मोती चूतड़, भरा पूरा बदन मुझे कायल कर दिया, और उस दिन मुझसे दिन भर चुद्वाते ही रही, वो काफी एक्सपीरियंस थी, इस वजहस से व कामसूत्र का सारे पोज़ आजमाई, अब तो घर का गार्जियन ही चुद गयी और उन्हें पता भी था की मैं छोटी को भी आजकल चोद रहा हु, तो दर जिसका था हट गया, अब तो सिर्फ पायल नहाने जाती तो कुण्डी लगा देता छोटी को चोदने के लिए,
पर आजकल कुछ गड़बड़ हो गया है, पायल को सब बात मालूम हो गया है, की मैं तीनो को चोद रहा हु, तो पायल नाराज है आजकल मैंने सास को और छोटी को ही चोद रहा हु, आशा करता हु की मेरी कहानी आपको अच्छी लगी होगी, अगर अच्छी लगी हो तो निचे स्टार पे और फेसबुक पे लाइक जरूर करें प्लीज, आपका दोस्त मुकेश, दिल्ली से.