दोस्तों मेरा नाम विनय अग्रवाल हे और मैं भटिंडा पंजाबका रहने वाला हूँ। यहाँ पे आज मैं अपनी और मेरी सिस्टर की कहानी ले के आया हूँ। जी हां चांदनी मेरी सगी बहन हे जिसके बड़े देसी बूब्स मुझे पिने की लत लगी हुई हे।
वैसे मुझे ये हॉट चस्का मेरी बहन ने ही लगाया हुआ हे। बात उन दिनों की हे जब वो प्रेग्नेंट थी और सातवें महीने के बाद हमारे यहाँ यानी की अपने मइके में आई हुई थी। उस वक्त मेरे जिया अनूप दिल्ली में पोस्टेड थे और पिछले काफी दिनों से वो दिल्ली में ही थे इसलिए बहन को टचिंग वचिंग भी मिला नहीं था।
उस दिन मैं अपने कमरे में पढाई करते हुए कब सो गया वो मुझे पता ही नहीं चला। रात के करीब ढाई बजे मुझे लगा की मेरे लंड के ऊपर कुछ रेंग सा रहा हे। मैंने लाईट भी बंद नहीं की थी सोने से पहले। क्यूंकि मैं पढ़ाई करते हुए ही सो जो गया था। जब मैंने अपनी आँखे आधी खोली तो मैं सिन को देख के एकदम दंग रह गया।
मेरी बहन चांदनी ही मेरे पलंग के पास बैठी हुई थी। और वो ही मेरे लंड को अपने हाथ से छू रही थी। मैं डर गया की साला ये क्या सिन हे! मैं लेटा रहा और चांदनी का तमाशा देखता रहा। चांदनी ने अपने सेक्सी देसी बूब्स खोले हुए थे जो आधे से भी ज्यादा बहार को आ गए थे। दरअसल चांदनी के बूब्स एकदम बड़ी साइज़ के हे।
उम्र में वो मेरे से दो साल बड़ी हे लेकिन किसी भी एंगल से वो मेरे से बड़ी नहीं लगती हे। मैंने देखा की चांदनी अपने हाथो से अपने सेक्सी बूब्स को मसल रही थी। वो अपनी जबान पे हाथ लगा के ऊँगली पे थूंक लेती थी और फिर वही थूंक से अपने बूब्स को मसल रही थी। शायद अनूप जीजा की दुरी ने मेरी बहन चांदनी को पागल किया हुआ था। और आज शायद बहन की चूत में बहुत ही खुजली हो रही थी। लेकिन क्यूंकि इस हालत में चूत में लंड नहीं ले सकती थी इसलिए वो भाई के लंड को पकड़ के चूचियां मसल के खुद को खुश कर रही थी। सच कहूँ तो मेरे मन में दया सी आ गई की बहन की जिज्ञासा यदि मेरे लंड को छू लेने से शांत होती हे तो भले वो मेरे लंड से खेल लेती!
बचपन से हु मुझे चांदनी से बहुत डर लगता था। वो बहुत ही स्ट्रिक्ट नेचर की थी। मेरी हिम्मत ही नहीं हो पा रही थी की उठ के अपनी बहन को कहता की बहन तुझे जिधर भी लंड लेना हे ले ले। उसके हॉट और बड़े बूब्स देख के मेरा लंड भी डोला हुआ था। और मैं चाहता था की उसके बूब्स के बिच में अपने लंड को डाल के बूब्स फकिंग कर दूँ। चांदनी की सिस्कारियां निकल रही थी और वो अपने चुंचे और भी जोर जोर से मसलने लगी थी। उसने मेरी ओर देखा और मैंने अपनी आँख को जोर से बंद कर दिया। चांदनी ने धीरे से कम्पते हुए हाथों से मेरी पेंट की जिप को खोल दिया। माय गॉड चांदनी तो आज सही मुड़ में लग रही थी। उसने जानबूझ के मुझे हिलाया लेकिन मैंने अपनी आँखे फिर भी नहीं खोली।
उसकी हिम्मत और भी बढ़ गई थी। उसने मेरे लंड को बहार निकाला और अपनी मुठी में जकड़ सा लिया। अब मेरे लंड ने जैसे निंद से करवट ली और वो धीरे धीरे और भी बड़ा होने लगा था। मेरी बहन ने लंड को पकड़ा और उसे अपने चुचों के ऊपर हलके हलके से घिसने लगी। वाऊ उसके हॉट बूब्स तो बड़े अकड़े हुए थे और उसकी निपल जैसे लोहे की माफक सख्त थी। मैंने अपनी आँखे बंद ही रखी हुई थी अभी तक। चांदनी निचे को झुकी और उसने मेरे लौड़े के सुपाडे के ऊपर अपने रसीले होंठो से एक चुम्मा दे दिया।
चांदनी ने अब लंड को और थोडा बहार निकाला। चांदनी की इतनी सब हिम्मत देख के मैं एकदम हैरान सा था। अब उसने मेरे लौड़े के साथ मेरे बॉल्स को भी किस दे दी और वो अपने बड़े बुब्स्म को दबा भी रही थी। मैंने थोड़ी आँखे खोली और उसको देखा। चांदनी के बूब्स से दूध की बुँदे बहार आ रही थी।
मेरी हॉट बहन उन दूध की बूंदों को ऊँगली में ले के उन्हें निपल्स के ऊपर ही मसल दे रही थी। चांदनी की आँखों में सेक्स की एक अजीब सी प्यास थी। और अगर सेक्स की प्यास न हो तो अपने भाई का लंड को चूसने की तमन्ना उसे कैसे होती भला? वो मेरे बॉल्स को हलके हलके किस दे रही थी। शायद उसे भी डर था की मैं कही उठ के गुस्सा ना हो जाऊं उसके ऊपर उसकी ये हरकत की वजह से!
मेरा खड़ा लंड देख के वैसे उसको समझ तो आ ही चूका होना था की मैं उसकी हरकतों की वजह से ही उत्तेजित हुआ पड़ा था। पता नहीं शायद मेरी किस्मत में ही उसकी चूत को देखना नहीं होगा इसलिए वो आगे नहीं बढ़ी। चांदनी ने एक दो बार अपने कडक देसी बूब्स मेरे लंड पर घिसे और फिर वो अपनी चूत में ऊँगली करने लगी।
उसने मेरे लंड को पकड़ के वापस मेरी पेंट के अन्दर कर दिया। और वो चूत में ऊँगली करते हुए बाथरूम की तरफ चल पड़ी। उसने अंदर जा के कुण्डी लगाईं। और मैंने उठ के अपनी आँखे बाथरूम के एक होल पर लगाईं। मेरी बहन ने अपनी बालोंवाली चूत के अन्दर ऊँगली दे रखी थी और वो अहह अह्ह्ह की सेक्सी आवाजें निकाल रही थी।
अपनी चूत के अन्दर ऊँगली देते देते वो अपने कड़े बूब्स भी जोर जोर से मसल रही थी। मेरे लंड के अन्दर उसकी चुदाई का नशा चढ़ा हुआ था लेकिन मैं उसे कह भी तो नहीं सकता था की मुझे चूत दे दो अपनी बहन! बड़ी बहन थी मेरी कही गुस्सा हो जाती और थप्पड मार देती तो! चांदनी ने अपनी चूत में अब एक साथ दो ऊँगली डाली और उसकी स्पीड और भी तेज हो गई।
देखते ही देखते उसके बदन में एक झटका सा लगा और उसने अपनी चूत को ढंक लिया। मैं फट से वहां से वापस आ गया और चद्दर को घुटनों के ऊपर तक ले के सो गया। चांदनी अपनी चूत धो के कुछ देर में बहार आ गई। वो चुपके से अपने सोने की जगह पर जा के लेट गई। मेरे दिल और दिमाग में अभी भी उसके बड़े बूब्स ही थे। मैंने भी अपनी पेंट के अन्दर हाथ डाला और चांदनी के चुचों को याद करते हुए ही मुठ मार ली। ठंडी ठंडी पेंट में गरम गरम वीर्य निकल गया मेरा। तब कही जा के मुझे मस्त नींद आई। काश चांदनी मुझे एक बार कहती की भैया मेरी चूत आज तुम मार लो!