दोस्तो, मै पहली बर कहाणी लिख् राहा हु, आज मैं आपको बताने बाळा हु की मैने कैसे आंटी की तेल मालिश की ती. मेरा नामे रघु है ऑर फरीदाबाद मे राहता हु. मेरी आगे 30 है.
दोस्तो, मैं जाब ताक रात को मुऊत ना मार लु मुझे नीड नाही आती है.
2015 होळी की रात, मैं रूम मे अकेला नांगा बैईता ता.
लाइट जल राही ती ऑर खिडकी खुली ती. मैं अपने लंड पर तेल की मालिश कर राहा ता.
दोस्तो, मेरे रूम के सामने एक आंटी राहती है जिंका नामे शालू है. उंहोणे मुझे लंड की मालिश करते देख लिया.
जाब ताक मैं मालिश करते-करते नुठरल नाही हुआ वो मुझे देख़्ती राही. मैं इस बात से अंजान ता.
फिर एक दिन अचानक उंहोणे मुझे देख कर कहा – रघु, मेरे लिये मार्केट से सब्जी ला डॉ, अंकल आउट ऑफ सिटी गये हुए है.
उंहोणे मुझे 100 रुपीज़ दीए ऑर कहा – एक काम करो, मुझे आपणा नंबर भी देडो, किचन मे कूच ऑर अगर काम होगा तो फोन पर अभी देख कर बाता डुन्गी.
फिर जाब मै मार्केट मे ता तो शालू का फोन आया ऑर आंटी (शालू) बोली – खिरा जरूर ले लीना.
मैने कहा – ठीक है.
मैं सब्जी लेकेर उनके घर गये तो वो बोली – थोडा रूको.
मैं रूक गया.
आंटी मेरे लिये पाणी ऑर बिस्कट लई और जाब आंटी झुणकी तो उनकी चूची साफ-साफ दिखने लगी.
मैं चूची देख कर डांग रह गया.
अफ… क्या मस्त चूची ती यारो.
लेकिन दारर की वाजः से मैने नाझर हात ली. पाणी पिणे के बाद आंटी से पुछा – अंकल कब ताक आएंगे?
आंटी बोली – सनडे ताक.
हन तो दोस्तो, मैं बाता दु आंटी की आगे लघभग 36 एअर ती.
थोडी मोती लेकिन बहूत सेक्सी ती ऑर चूची मानो बॉम्ब का गोळा ती.
ना चाहते हुए भी मैं बर-बर चूची को ही घूर राहा ता.
थोडी डेर बाद अचानक से आंटी बोली – मेरी चूची मत देखो, इन चुचीओ मे डम नाही है, मैं तुम्हारी तॅरह मालिश नाही केर्टी हु.
मालिश का नाम सून कर मैं डांग रह गया.
फिर आंटी बोली – मैं टुंको देख राही ती जाब तुम लंड की मालिश कर राहे ते.
आंटी बोली – रघु, तुम प्लीज़ थोडी मेरी भी मालिश कर डॉ.
आंटी सर्सो का तेल लकेर मेरो हतो मे देकर बोली – आज, पुरी बोट्तेल लगा डॉ.
मैने आव देखा ना तव आंटी को पकड कर किस केरने लगा.
आंटी ने आंखेन बंद कर ली ऑर बोली – ई लव उ, रघु…
मैने अब आंटी को बिस्टेर् पर लिटा कर कपडे उतार दीए. आंटी अब पुरी नांगी मेरे सामने ती.
गुलाबी होँत, काळे बाळ, गळे मे मंगल सट्रा, बडी-बडी चूची, मोती सी कमर, मोती-मोती वाइट जनघे ऑर जानघो के बीच झांतो से घिरी पयरी सी चूत.
मैने आंटी से कहा – आंटी अपकी चूत के बाळ बहूत बडे है.
आंटी बोली – शेव कर डॉ, तू कहे तो.
मैने पुछा – शेविंग मशीन कान्हा है.
वो बोली – बातरूम मे.
मैं बातरूम से मशीन लेकर बाळ सॉफ कर दीए.
झांतो के बीच छुपी चूत आप पयरी डुल्हान की तॅरह लग राही ती.
दोस्तो, बर इटनी मस्त ती की मैं बाता नाही सकता. फिर मैने आंटी के बडं मे सर्सो का तेल लगा कर मालिश केरने लगा.
आंटी का बडं बहूत टाइट ता, मै जाब डबाटा आंटी सिसाक जाती.
वो बोली – तेरे अंकल तो मेरी जवानी लूट ही नाही पटे.
मालिश करते-करते आंटी को प्यस लग गायी.
आंटी फ्रिड्ज से पाणी लई ऑर खाणे के लिये रशगूली.
आंटी की चूत इटनी मस्त ती की मैने तुरांत आंटी को बिस्टेर् पर पटक दिया ऑर बोला मुझे खाना नाही चोदने है.
तब आंटी बोली – मना कौन कर राहा है चोदो.
फिर मैं आंटी को बुरी तॅरह किस केरने लगा.
होतो का रस चुस्ते-चुस्ते उनकी चूची भी दॅबणे लगा.
आंटी अपने हन्तो से मेरा लंड सहलाने लगी फिर आंटी अपने होणतो को मेरे लंड पर राख कर बेराहमी से चुसने लगी.
थोडी डेर बाद मैने अपने होँत उनकी चूत पर राख दीए.
आंटी ने पुछा मेरी चूत का स्वाद कैसा लग राहा है?
मैं बोला – नामकीन…
अब आंटी ने रसगुले का रस चूत पर दला और बोली – अब चुसो मिताहा लगेगा.
मैं पुरा रस पी गया. उनकी चूत रस की वाजः से ऑर भी मिती हो गायी ती.
थोडी डेर बाद आंटी बोली – रघु, अब प्लीज़ अपना लंड दल डॉ.
मैने आंटी की टांग फाला के एक ही बर मे पुरा लंड अंडर डाल दिया.
आंटी के मूह से आवाज आणे लगी आआआआआआहच…
आहच…
आंटी की चूत गरम लोहे जैसे लग रही ती.
और मैं उन्हे जोर-जोर से छोडने लगा.
हेर झटके के बाद आंटी कहती – लूट लो रघु, मेरी जवानी.
फिर थोडी डेर बाद वो झाड गायी ऑर कूच डेर बाद मैं.
फिर हुमने कपडे पहन लिये.
जाब मैं चलने लगा तो आंटी ने मुझे 1000 रुपीज़ दीए ऑर बोली – रघु, तील का तेल खरीद कर लंड पर लागया करो, तुम्हारा लंड बहूत मोटा है ऑर यः सिर्फ तेल की मालिश का कमळ है.