हेलो दोस्तों, मैं सुदीप नागरकर आप लोगो को अपनी सेक्सी स्टोरी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुना रहा हूँ। मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। दोस्तों, मेरी शादी को ५ साल हो चुके थे। मैं अपनी बीबी अवंतिका को खूब रात रात भर चोदा खाता रहता था। पर एक रात कोई ११ बजे के करीब मैंने अपने ऑफिस ने लौट रहा था की मेरी कार का एक दूसरी कार से जबरदस्त एक्सीडेंट हो गया। मैं १ साल के लिए कोमा में चला गया। और जब मैं ठीक हुआ तो मैं उस रात अपनी बीबी को नही चोद पाया।
मैंने ये बात अपने दोस्तों को बताई तो उन्होंने मुझे किसी सेक्स काउन्स्लर/ स्पेशलिस्ट से मिलने को बोला। फिर मैं मुंबई के ही एक मशहूर डॉक्टर से मिलने गया। दोस्तों उसका नाम डॉक्टर मालिनी था। आपने नाम के अनुरूप वो बिलकुल माल थी। बहुत गोरी थी, अभी वो कुवारी थी। मैंने उसके कमरे में गया तो ac चल रहा था। ठंडी ठंडी हवा मुझे लगी तो बहुत शान्ति मिली। डॉक्टर मालिनी एक घंटे का ४०० रुपए चार्ज करती थी। मैंने अंदर घुसा पर्चा लेकर।
“जी कहिये!!….. क्या समस्या है???” डॉक्टर बोली
“मैं……जी…मैं” मैं कुछ कहना चाहता था पर आवाज साफ़ नही आ रही थी। मैं दिल की बात बोल नही पा रहा था।
“सुदीप जी….आप मुझसे किसी तरह की शर्म ना करे। आपने वो जुमला तो सुना ही होगा की डॉक्टर और वकील से कुछ नही छुपाना चाहिए!….आप बिना किसी संकोच के अपनी बात कर सकते है!” डॉक्टर मालिनी बड़ी प्यार से बोली। मैंने उनको सारी बात बताई की कैसे मेरा एक्सीडेंट हुआ और कैसे मेरा लंड खड़ा होना बंद हो गया।
“सुदीप जी, आपका लंड चेक करना पड़ेगा” मालिनी बोली। एक लेडीज डॉक्टर के मुँह से ‘लंड’ शब्द सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। काफी अच्छा और अजीब भी लगा।
“आ जाइये, ….अपने कपड़े निकाल पर इस बेच पर लेट जाइये” मालिनी बोली
मुझे पता नही क्यूँ अपने कपड़े निकालने में बहुत झिझक लग रही थी। पर किसी तरह से मैंने अपना कच्छा उतारा और सीधा बेंच पर लेट गया। डॉक्टर मालिनी ने एक सफ़ेद रबर का दस्ताना अपने हाथ में पहन लिया। मेरी बहुत लम्बी लम्बी झाटे थी। खुद को मैं कोस रहा था की मैंने यहाँ आने से पहले झाटे क्यूँ नही बनाई। मालिनी मेरा लंड हाथ से छूने लगी। उसने गहरे गले का सलवार सूट पहन रखा था। वो बहुत गोरी थी, इसलिए उसके दूध भी बेहद सफ़ेद, बड़े बड़े और चिकने थे। जैसे ही वो झुककर मेरा लंड हाथ से छूकर चेक करने लगी, मन हुआ की डॉक्टर को वहीं गिरा कर चोद लूँ। पर दोस्तों, उसको चोदता कैसे। लंड तो मेरा खड़ा ही नही होता था।
कुछ देर तक मालिनी मेरी झाटों में ऊँगली फिराती रही। फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया।
“कुछ हुआ आपको …..कुछ महसूस हुआ क्या????’ मैलिनी ने पूछा
“जी नही मैडम!” मैंने जवाब दिया
उसके बाद उसने मेरे लंड को नीचे गोली से छुआ और प्यार से सहलाने लगी। फिर मालिनी मेरे लंड की एक एक नस चेक करने लगी। पूरी जाच हो गयी।
“सुदीप जी!! मैंने आपका चेक अप कर लिया है। उस कार एक्सीडेंट में आपके लंड की नसों को काफी नुक्सान पहुचा है। मैं आपको ये दवाइयां लिख रही हूँ। इसे आप १५ दिन खाइए। उसके बाद आकर मुझसे मिलिए और हाँ बीचमे अगर आपका लंड खड़ा हो जाता है तो आप जरुर बीबी को जरुर चोदिएया। इससे ये फायदा होगा की आपके लंड की नसों में खून जाना शुरू हो जाएगा और आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे” डॉक्टर मालिनी बोली
दोस्तों, मैं उनके क्लिनिक से निकल आया। पर पता नही क्यों डॉक्टर मालिनी के दूध मुझे याद आ रहे थे। हे भगवान कास ऐसा हो जाता की इस मालिनी की चूत चोदने को मिल जाती। मैं घर जा रहा था और बार बार उपर वाले से यही दुआ मांग रहा था। दोस्तों, मैंने १० दिन दवाइयां खायी जो काम कर गयी। मैंने ढेर सारी सेक्सी स्टोरी वाली किताबे माँगा ली। सारा दिन उनको पढता रहता तो बार बार मालिनी याद आती। फिर ११ वें दिन मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने अपनी बीबी को आवाज लगाई।
“आवंतिका!!…. आवंतिका!! जल्दी आओ!! देखो मेरा लंड खड़ा हो गया!” मैंने खुशी खुशी कहा। मेरी मस्त जिस्म वाली बीबी आवंतिका भागी भागी आई।
“सुदीप!! चलो तुम मुझे जल्दी से चोदो……उसके बाद तुम्हरे लंड की नसों में और जादा खून जाएगा और तुम पूरी तरफ से ठीक हो जाओगे!” अवंतिका बोली। उसके बाद उसने जल्दी जल्दी अपनी नाइटी उतार दी। मेरे सामने पूरी तरह से नंगी होकर वो लेट गयी। पर दोस्तों जैसे ही मैंने लंड उसके मस्त भोसड़े में डालने की कोशिस की, एक बार फिर से मेरा हथियार सुख गया। इससे हम दोनों को काफी निराशा हुई। पर डॉक्टर मालिनी मालिनी की दवा फायदा तो जरुर कर रही थी। क्यूंकि इससे पहले मैंने जिन डॉक्टर्स की दवा ली थी, सबने मेरे २० २० हजार रुपए लूट लिए थे पर कोई फायदा नही हुआ था। एक बार भी मेरा लंड खड़ा नही हुआ था। पर डॉक्टर मालिनी बहुत की काबिल डॉक्टर थी। उन्होंने कई ऐसे केस हैंडल किये थे। उनकी दवा खाने से मुझे फायदा हुआ था और अब मेरा लंड हर रात को १० १२ मिनट के लिए खड़ा हो जाता था। मैं १५ दिन बाद फिर से उसके पास गया
“ओह….हेलो सुदीप जी???…कैसे है आप?? कोई फायदा हुआ क्या???” मालिनी बहुत प्यार से बोली
“हाँ डॉक्टर! फायदा तो है। जहाँ पहले मेरा लंड बिलकुल नही खड़ा होता था वहीँ अब हर रात रोज ९, १० मिनट के खड़ा हो जाता है, पर जब तक मेरी बीबी अपने काम निपटाकर आती है फिर से डाउन हो जाता है” मैंने अपनी समस्या डॉक्टर मालिनी को बतायी।
“सुदीप जी, आपको रियल थेरेपी की जरूरत है। आपका लंड किसी जहाज की तरह रनवे पर दौड़ता तो है, लेकिन उड़ान नही भर पाता। इसके लिए आप कीसी हसीन औरत का बिलकुल नग्न अवस्था में दर्शन करिये, उसके बाद आपके लंड को किक मिल जाएगी और वो बिलकुल ठीक हो जाएगा” डॉक्टर मालिनी बोली
“मैडम, आपसे जादा सुंदर मैंने कीसी लड़की को नही देखा। आप ही मुझे अपने नग्न रूप का दर्शन करा दीजिये!!” मैंने कहा
उसके बाद अपनी तारीफ़ सुनकर मालिनी बिलकुल गल गल हो गयी। उसके बाद वो अपने कपड़े निकलने लगी। उसने सबसे पहले अपना डॉक्टर वाला सफ़ेद रंग का कोट निकाल दिया। फिर अपना सलवार सूट भी निकाल दिया। कुछ देर बाद उसने अपनी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और बिलकुल अपने नग्न स्वरुप कादर्शन मुझे कारने लगी। दोस्तों, उस दिन तो चमत्कार हो गया। मेरा लंड पूरा २० मिनट तक खड़ा रहा।
“ठीक है सुदीप जी!!….आप इसी तरह रोज आकर मेरे नग्न रूप का दर्शन कर लिया करो!! कुछ दिन में तुम्हारा लंड आराम से खड़ा होना शुरू हो जाएगा!” डॉक्टर मालिनी। दुसरे दिन जैसे ही वो नंगी हुई मैंने उसे पकड़ लिया।
“मैडम, अगर आप मुझे अपने सुंदर सफ़ेद और चिकने मम्मे पिला दे, तो मैं निशित रूप से ठीक हो जाऊँगा। फिर मैं रोज रात में अपनी बीबी को चोद सकूंगा!” मैंने कहा
“सुदीप जी!! देखिये मैं इस तरह के काम अमूमन नही करती हूँ, पर चलिए मैं आपको ठीक करने के लिए ये करुँगी। क्यूंकि एक डॉक्टर का फर्ज है की किसी भी तरह अपने मरीज को ठीक करना” मालिनी बोली
फिर वो मुझे अपनी लम्बी वाली बेंच पर बैठ गयी, जिसपर वो अपने मरीजों का चेक अप किया करती थी। मैं उनके बगल जी बैठ गया। मैंने डॉक्टर मालिनी का हाथ अपने हाथ में ले लिया और चूमने लगा। कुछ ही देर में मैंने उनका सफ़ेद कोट जो हमेशा डॉक्टर पहनते है, निकाल दिया। मालिनी ने अंदर सलवार सूट पहन रखा था। उनकी उम्र कोई २४ साल होगी। बहुत ही सुंदर लड़की थी वो। इतनी कम उम्र में वो mbbs कर डॉक्टर बन गयी थी। मैं उस लम्बी बेच पर अपनी टाँगे लटकाकर बैठ गया था। मैंने उनके कंधे पर हाथ रख दिया और उनको अपनी तरफ खीच लिया, फिर उनके गोरे गोरे गाल पर मैं पप्पी देने लगा।
“सुदीप जी!! आप तो मेरे दूध दबाना और पीना चाहते थे, फिर मेरे होठ क्यों पी रहे है????” मालिनी ने पूछा
“डॉक्टर जी, जब तक मैं आपके होठ नही पियूँगा, आपके दूध पीने का दिल नही करेगा!!” मैंने कहा
उसके बाद वो मान गयी और मैंने मजे से डॉक्टर मालिनी के मस्त मस्त गुलाबी पंखुड़ी जैसी होठ पीने लगा। धीरे धीरे वो भी सरेंडर होती जा रही थी। मेरे हाथ उनके मस्त मस्त बूब्स पर जाने लगे थे। वो मुझे कुछ नही कह रही थी। मैं उनकी सफ़ेद रंग की सलवार के उपर से उनके दूध दबा रहा था और मजा ले रहा था। हम दोनों अभी तक एक दुसरे का चुम्बन ले रहे थे। कुछ देर बाद डॉक्टर मालिनी खुद काफी गर्म हो गयी। और उन्होंने खुद अपने हाथ उपर करके अपनी सलवार निकाल दी, फिर ब्रा भी खोल दी। वाओ!! मैं उनको ताड़ता रह गया। उसके बाद मैंने उनको बेंच पर ही लिटा लिया और दूध पर मैंने अपने दोनों हाथ और दसों उँगलियाँ रख दी।
उफ्फ्फ….क्या दिलकश दूध थे भाई। जन्नत का मजा मिल गया था। 36 इंच से जादा के बूब्स होंगे मालिनी के। मैं मस्ती से बूब्स को हाथ में लिए हुए था जैसे कोई पके आम को हाथ में लिए होता है। उनके हाथ मैं जोर जोर से दूध को दबाने लगा। मेरा लंड उसी समय एंटीना पकड़ने लगा। और खड़ा होने लगा।
“खड़ा हो रहा है डॉक्टर!!….खड़ा हो रहा है मेरा!!” मैं ख़ुशी से चिल्लाया। उसके बाद मैं मस्ती ने डॉक्टर मालिनी के दूध पीने लगा। क्या मस्त दूध थे यारों। कितने बड़े, कितने कसे, लग रहा था कहीं उनकी छाती ही ना फट जाए। मैं बहुत कामुक हो गया था और मजे से उनके दूध पी रहा था और दबा रहा था। मालिनी की निपल्स मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी। वो लड़की नही आग का गोला थी, मुझे तो वो कोई बम या विस्फोटक लग रही थी। मुझे नही मालूम था की किसी डॉक्टर के दूध इतने तने, कसे और मुलायम हो सकते है। मालिनी की काली काली निपल्स बहुत आत्मा तक बहुत आकर्षित कर रही थी। मैं मुँह में लेकर उसकी निपल्स को चूस रहा था। दोस्तों, मैं इतनी तेज तेज मुँह चला रहा था की चू चू….की आवाज हो रही थी, जैसे कोई प्यासा पानी पी रहा हो। डॉक्टर मालिनी अपने नाम के मुताबिक बेहद खूबसूरत थी। मैं मजे लेकर उनके दूध पी रहा था।
“आह सुदीप जी…..चूसिये !! और चूसिये!!……आह मजा आ रहा है…..मुझे बहुत मजा आ रहा है!!….आप बहुत अच्छा चूस रहे है!!” मालिनी बोली
मैं और जादा जोश में आ गया और तेज तेज उस डॉक्टर के दूध पीने लगा अपने हाथों से दबा दबाकर। उपर वाले ने उसको बहुत फुर्सत से बनाया था। वो लड़की नही संगमरमर की मूर्ति थी। मैं बड़ी देर तक डॉक्टर मालिनी के दूध अपने हाथ से दबाता रहा और मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था। मैं कुल ३५ मिनट उनके मीठे आम मुँह में भरके चूस लिए। मैंने देखा की मालिनी की सलवार पर उसकी चूत के उपर सलवार भीग गयी थी। मैंने धीरे धीरे मालिनी की चूत पर हाथ लगा दिया।
“सुदीप जी!!…आपने तो सिर्फ मेरे दूध पीने की बात की थी, फिर मेरी चूत पर ऊँगली क्यों लगा रहे है??” डॉक्टर मालिनी बोली
“डॉक्टर साहब!!…..मेरा लंड तो कायदे से खड़ा हो गया है पर ये कुछ देर में कहीं डाउन ना हो जाए। इसलिए प्लीस आप मुझे अपनी चूत दे दीजिये। जिससे मैं ये चेक कर सकू की मैं अपनी औरत को चोद पाऊंगा की नहीं!!” मैंने कहा
“नही सुदीप जी!! मैंने कोई वेश्या या रंडी नही हूँ!!” मालिनी बोली
“डॉक्टर साहब!! ये कोई रंडीबाजी वाली बात नही है। हर डॉक्टर का फर्ज होता है की अपने मरीज को पूरा ठीक कर दे आधा अधुरा नही!!” मैंने जिरह उसकी। मेरी बात का डॉक्टर मालिनी पर बहुत असर हुआ।
“ठीक है सुदीप जी, मैंने आज तक किसी मरीज को ठीक करने के लिए चूत नही दी है, पर आपका केस जरा अलग है, इसलिए मैं आपको चूत दूंगी, आप मुझे चोदकर ये पता कर सकते है की आपका लंड ठीक हुआ है की नही हुआ” मालिनी बोली। उसके बाद उसने मुझे नही रोका। कुछ देर बाद मैंने उसकी सलवार और पेंटी निकाल दी। उनकी चूत के उपर झाटों से एक खरगोश बना हुआ था। मैं मालिनी की चूत पीने लगा। फिर उसकी सफ़ेद जांघो ने मैं खेलता रहा। फिर मैंने उसके दोनों पैर खोल दिए और चूत को मजे लेकर पीने लगा। कुछ देर में मैंने अपना लंड डाल दिया और डॉक्टर मालिनी की मालदार चूत को खाने लगा।
दोस्तों, आज मैं बहुत खुश था। क्यूंकि डेढ़ साल बाद मैं किसी की चूत मारने में कामयाब हुआ था। उस कार एक्सीडेंट के बाद सब कुछ बदल गया था। पर वो तो भला हो डॉक्टर मालिनी का, इन्होने मुझे इतनी अच्छी दवाए लिखी की मैं पूरी तरह ठीक हो गया और डॉक्टर को चोद कर मैं ये पता कर रहा था। डॉक्टर मालिनी मजे से पक पक मेरा लंड खा रही थी। उनकी आँखें बंद थी और मैं उनकी चूत धम्म धम्म चोद रहा था। मेरे जोर जोर से पेलने से उसके विशाल उभरे हुए दूध जल्दी जल्दी उपर की तरफ उछल जाते थे। मैं सायद बहुत ही किस्मत वाला मरीज था जिससे कोई लेडिस डॉक्टर सायद पहली बार चुदवा रही होगी। वरना आजकल के डॉक्टर तो सिर्फ पैसे के भूखे होते है। जादा वक़्त मरीजो को नही देते है। पर डॉक्टर मालिनी इतनी अच्छी थी की मजे से चुदवा रही थी।
कुछ देर में मैं जोर जोर से उनको पेलने लगा। उसकी चूत से पट पट की मीठी आवाज आने लगी। मुझे बार बार ये डर लग रहा था की कहीं मेरा लंड २ मिनट में आउट ना हो जाए, पर उपर वाले के करम से ऐसा कुछ नही हुआ। मैंने घडी में देखा तो १५ मिनट हो चुके थे और मैं आउट नही हुआ था। मैं बहुत खुश था। इसी बीच सायद डॉक्टर मालिनी को बहुत मजा मिल रहा था, क्यूंकि मेरा लंड 8” लम्बा था। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया और अपने बॉयफ्रेंड की तरह प्यार करने लगी। और चूमने चाटने लगी। मैंने भी उनका भरपूर सहयोग किया और उनके होठ को पीते पीते मैं उनको जल्दी जल्दी ठोंकने लगा। मालिनी के रूप और जिस्म में इतनी कशिश थी की पता नही कौन सा जादू उस दिन उन्होंने मुझ पर कर दिया था। मैंने १ घंटे नॉन स्टॉप उनको चोदा , उसके बाद झड़ गया। डॉक्टर को चोदने के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए। मैंने उनके हाथ को उठाकर अपने ओंठों से लगा लिया।
“थैंक यू!! डॉक्टर साहब!! मैंने आपको पूरा १ घंटा चोदा आज। धन्यवाद आपको, जो आपने मेरे लंड को खड़ा होना सिखा दिया!!” मैंने कहा
घर आने के कुछ दिन बाद उन्होंने मुझे काल किया और अपने क्लीनिक में मिलने की बात की। दोस्तों, मैं शाम को गया तो डॉक्टर मालिनी ने फिर मुझसे कहकर चुदवा लिया। अब वो मेरी माल बन चुकी है। अब मैं अपनी बीबी और डॉक्टर मालिनी दोनों को ठोंकता हूँ। अब मेरा लंड पूरी तरह से ठीक हो चूका है और २ २ घंटे मैं सबकी चूत बजाता हूँ। दोस्तों, ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।