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भगवान् जब किसी को देता है छप्पर फाड़ कर देता है ये कहावत मेरे से चरितार्थ होता है। मेरा नाम निकेश है। दिल्ली में रहता हूँ। पढाई करता हूँ। मैं एक किराये के मकान में रहता हूँ। एक छोटे से मकान के ऊपर सेकंड फ्लोर पर रहता हूँ फर्स्ट फ्लोर और ग्राउंड फ्लोर पर मकान मालकिन और उनकी दो बेटियां रहती है। मकान मालिक का चक्कर था किसी से वो उसके साथ भाग गया है वो आता भी नहीं है।
मेरी मकान मालकिन का अपना बुटीक है वही चलाती है उसकी दो बेटियां उनकी उम्र एक की उन्नीस और एक की अठारह है। दोनों जवानी की रस में सराबोर है हुश्न के जलवे हमेशा बिखेरती रहती है। दोनों एक से बढ़कर एक सेक्सी है। मैं तीनो को देखकर सोचकर मूठ मारता था पर समय ने करवट बदला और एक एक कर के मेरे से चुदवाने लगी। और मैं आजकल धरती पर ही जन्नत का सैर कर रहा हूँ। तो सोचा आज क्यों ना आपको भी अपनी ये कहानी सूना दूँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से।
एक दिन की बात है। मकान मालकिन रात के करीब 11 बज रहे थे उस समय आई और बोली की निकेश जी, आप तो इंजीनियरिंग कर रहे हो आप मेरे दोनों बेटियों को कुछ रास्ता लगा दो ताकि वो आगे बढ़ सके। मैंने उनको कुछ कोर्स बताये की ये कर लेने पर आगे काफी स्कोप है। पर उसके लिए कोचिंग की जरुरत थी और उनके पास इतने पैसे नहीं थे। तो वो बोली की आप ही तैयारी करवा दो। मेरे पास तो पैसे हैं नहीं आप चाहे तो मेरे साथ और चुप हो गई। मैं समझ नहीं पाया मुझे लगा की शायद वो अपना दुखड़ा सूना रही थी और अचानक चुप हो गई।
उसके बाद कुछ देर चुप रही और फिर लड़खड़ाती लव्जों से फिर बोली की आप चाहे तो मुझे ले सकते हो, आप चाहे तो रोजाना रात को सेक्स कर सकते हो। मैं अवाक् रह गया पर उनकी कातिल निगाहें और अपने आँचल को ब्लाउज से निचे गिरा देना मैं सन्न रह गया आधी चूचियां बाहर आई हुई थी उसपर से सोने की चैन दोनों चूचियों के बिच अटकी थी। गजब लग रही थी। मैं बोला ठीक है जैसा आप चाहें। मैं भी अपने पढाई पर ध्यान लगाऊंगा नहीं तो रात को दो घंटे नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ने पर लगाता हूँ और मूठ मारता हूँ। और हम दोनों हसने लगें।
वो खुश हो गई। और बोली अभी जाती हूँ साढ़े ग्यारह बज गए है खाना भी नहीं खाये है। बिगबॉस टेलीकास्ट आ रहा है दोनों लड़कियां वही देख रही है। खाना खाकर आउंगी। दोस्तों क्या बताऊँ मेरी हालात क्या हो रही थी मैं इसके पहले कभी सेक्स नहीं किया था मेरी धड़कन तेज होने लगी थी। मैं पागल हो रहा था किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था। लग रहा था सब ठीक रहेगा ना कोई दिक्कत तो नहीं होगी क्या मुझे मकान मालकिन के साथ सम्बन्ध बनाने चाहिए या नहीं। मेरे पढाई पर तो असर नहीं पड़ेगा ना। ऐसी कई बातें मन में आ रही थी। मैं भी खाना खा लिया और बस किताब लेकर यु ही बैठ गया।
रात के करीब साढ़े बारह बजे थे मेरा दरवाजा अंदर से बंद नहीं था दोनों पल्ला सटा हुआ था। अचानक दरवाजा खुला और वो अंदर आ गई। एक पिंक कलर की नाइटी पहनी थी अंदर ब्रा नहीं पहनी थी क्यों की चूचियाँ हिल रही थी और निप्पल साफ़ साफ़ ऊपर से ही पता चल रहा था जब वो चलती थी चूचियां हिलती थी। बाल खुले थे कमर तक लटक रहे थे काजल लगाई हुई थी मुँह गोरा लग रहा था शायद वो फेस वाश कर के आई थी। आते ही वो मेरे होठ को चूसने लगी और मेरे पीठ पर दोनों हाथ फेरने लगी अपने छाती में सटा लेना चाहती थी। मुझे उनकी दोनों चूचियां मखमली तकिये की तरह फील हो रहा था अपने छाती पर। मैं भी उनके जिस्म को टटोलने लगा। और दोनों अब डीप किश करने लगे एक छोड़ते तो दूसरे शुरू हो जाते।
अचानक वो घूम गई उनकी गांड मेरे लंड के पास आ गया अब उनके गांड और चूतड़ में लंड रगड़ खा रहा था और वो दीवानी हो रही थी हाथ आगे करके मैं उनके दोनों बूब्स को पकड़ लिया और दबाने लगा तभी वो सिसकारियां लेने लगी। वो पागल होने लगी और अचानक फिर मेरे तरफ घूम गई और अपने नाइटी को ऊपर से निकाल दी। वो अंदर पेंटी भी नहीं पहनी थी। उनका नंगा शरीर देखकर मैं पागल हो गया और निचे से ऊपर तक निहारा और फिर गोद में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और बूब्स पिने लगा और फिर चूत चाटने लगा।
कमरे में आह आह की आवाज आ रही थी मेरी धड़कन तेज हो गई थी। पर मैं नर्भस नहीं था। मैं अपना लंड निकला और उनके मुँह में दे दिया वो आइस क्रीम की तरह मेरे लौड़े को चाटने लगी। और कभी जोर जोर से मूठ मारती और फिर मुँह में ले लेती उनकी चूत गीली हो गई थी बार बार अंगड़ाई ले रही थी। कातिल निगाहे से देख रही थी बाल गोर बदन पर बिखर गए थे फेस लाल हो गया था होठ गुलाबी हो चुके थे गाल लाल हो गए थे दोनों चूचियां तन कर टाइट हो गया था। वो पैर को फैला दी मैं समझ गया अब चूत में लंड चाहिए।
मैंने दोनों पैरों को अलग अलग किया और बिच में लंड लगाया और घुसा दिया। वो सिहर उठी मैं जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा मेरे धक्के से उनका पूरा शरीर हिल जाता था। दोनों लिप लॉक कर के जोर जोर से धक्के देने लगे वो निचे से मैं ऊपर से। करीब 40 मिनट चोदने के बाद दोनों शांत हो गए मैंने भी थैंक्स कहा उन्होंने भी थैंक्स कहा। वो निचे चली गई मुझे उस रात ऐसा नींद आया कह नहीं सकता।
सुबह हुआ कॉलेज जा नहीं पाया लेट हो गया था। 11 बज रहे थे तभी निचे से मकान मालकिन अपने बेटी को आवाज दे रही थी जा रही हु. शाम के करीब पांच बज जायेंगे। उनकी छोटी बेटी भी उनके साथ थी वो भी जा रही थी। घर में बड़ी बेटी थी शायद वो नहा रही थी। मैं ब्रेड अंडे खाये और नहा कर रेडी हो गया क्यों की मुझे प्रोजेक्ट पर काम करना था। तभी दरवाजा नॉक हुआ जाकर देखा तो मकान मालकीन की दूसरी बेटी लैला कड़ी थी वो बोली आ जाऊ। मैं बोला हां हां क्यों नहीं इसमें पूछने की क्या बात।
वो आ गई और बोली मुझे से सेक्स करना है जैसे आपनें मेरी मम्मी को चोदा है मैं खिड़की से सब देख रही थी। पूरी रात सो नहीं पाई शायद ऐसा चोदने वाला और नहीं मिलेगा आप मुझे खुश कर दो। और वो मेरे से लिपट गई मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको भी पटक कर चोद दिया। वो और कमीनी निकली उसके चुदने का स्टाइल अलग ही था वो लिओनी की तरह चुदना चाहती थी मैं भी अलग अलग स्टाइल में तीन बार चोदा।
दूसरे दिन से उनकी छोटी बेटी मेरे पास पढ़ने आने लगी। मैं एक दिन उसको भी चोद दिया बड़ी बहन और माँ दोनों मुझे बोली चोदने के लिए पर छोटी को मैं खुद चुदने के लिए मनाया। और अब तीनो को चोदता हूँ।
मेरे दिन तो गजब के चल रहे हैं। तीन तरह का चूत तीन तरह के शरीर की बनावट, तीन उम्र, तीन तरह की चूचियां होठ गाल गांड कौन ऐसा खुसनसीब है जिसको ऐसा मिलेगा। पर हां दोस्तों नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ कर आपको मजा जरूर आ जाएगा रंगीन सेक्सी कहानियां।