मैं किरण ४० साल की हु, मैं भी आज अपने ज़िंदगी का एक कड़वा सच आपके सामने बता रही हु, मुझे ये लगता नहीं था की मैं किसी को ये बात कभी बता पाऊँगी पर आज सुबह से मैं पेशोपेश में थी की बताऊँ की नहीं बताऊँ की नहीं, आज मैं दिन भर नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के कई कहानियों की पढ़ी. जिसमे कई सारे कहानी मिला जो की मेरे से भी मिलता जुलता था, तो मैंने भी आज सोच लिया की मैं भी आपके सामने एक अपनी सच्ची कहानी पेश करूँ, हो सकता है कई लोगो को अच्छा नहीं लगे क्यों की ये कहानी मेरे और मेरे बेटे के बारे में है.
मेरे पति देव का देहांत आज से आठ साल पहले हो गया था, मैंने अपने बेटे के साथ मैं दिल्ली के द्वारका में रहती थी, मैं अपनी ज़िंदगी से काफी डरी हुई थी, क्यों की मुझे पहले ही बहुत सारे दुखो का सामना करना पड़ा था, अब मैं नहीं चाहती थी की कोई दुःख हो, मैंने स्कूल में टीचर हु, मेरे पति जब से गए तब से मेरा बेटा मेरे साथ ही सोता था, क्यों की उससे डर लगता था, मैंने भी उससे अपने साथ सुलाती थी, मेरे मन में कभी कोई ख्याल आया भी नहीं था की बेटा जवान हो रहा है, ज़िंदगी अच्छी चल रही थी, पर रात को कई बार मैंने उसको देखा की वो मेरे प्राइवेट पार्ट को छू रहा होता था, मैंने समझती थी की वो गलती से छु गया होगा, आज से चार महीने पहले उसकी शादी कर दी, लड़की बहुत सुन्दर है, पर वो मुझमे ज्यादा दिलचस्पी लेता है.
एक दिन की बात है बहु अपने मायके गई थी, रात को वो वापस आया पब से और मुझे आके कहा माँ आज मैं आपसे एक बात करना चाहता हु, मुझे गौरी (उसकी पत्नी ) में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है, मैं अगर उसके साथ ज़िंदगी काटूंगा तो उसमे आपकी भी भागीदारी होनी जरूरी है, तो मैंने कहा बेटा मैं तो तुम्हारी माँ हु, मेरी भागीदारी तो जब तो मेरे पेट में था तब से ही है, और जब तक मैं ज़िंदा रहूंगी तब तक मैं मेरा फ़र्ज़ बनता है मैं साथ दूंगी, बेटा माँ कभी भी अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ती है, मैं तो तुमसे ऐसे भी बहुत प्यार करती हु मैं तुमसे अलग होने का सोच भी नहीं सकती.
तभी मेरा बेटा बोला माँ आप भी ना फ़िल्मी डाइलोग सुनाने लग जाती हो, मैं आपको एक माँ के रूप में नहीं मैं आपसे तभी वो चुप हो गया मैंने पूछा हां हां बताओ क्या बात है क्या चाहिए तुम्हे? तो वो बोला मुझे सेक्स करना है आपसे, मैं अवाक् रह गई मैं सन्न हो गई, मैंने कहा ये क्या कह रहे हो? तो बोला आप इतने बैचेन क्यों हो रहे हो, ये कोई नहीं बात नहीं है, मैंने कई बार आपसे सेक्स सम्बन्ध बनाये है, मैं चौक गई मैंने कहा मैं तो नहीं, कब कैसे, तो उसने बताया कई बार जब मुझे आप रात में पानी लाने या तो कभी प्यार से मैं खुद आपसे लिए चाय बनता था मैंने उस्समे नींद का टेबलेट डाल देता था, फिर मैं आपके साथ सम्बन्ध बनाता था.
मैंने उसको एक थपड खीच के मार, और कहा हराम ज्यादा तुम्हे शर्म नहीं आई एक विधवा माँ के साथ ये हरकत करते हुए, एक पाक रिश्ता होता है माँ बेटे के साथ पर तुमने इस रिश्ते को तार तार कर दिया, मैंने तुम्हारी शादी कर दी, जितना मुह मारना है गौरी पे मारो वो जवान है खूबसूरत है, लड़की है, जितना तेरे में दम है उतना सेक्स करो कौन मना करता है, तो बेटा बोला अगर आपको ये अच्छा नहीं लगता है तो मैं घर से चला जाऊंगा, गौरी मेरे प्राइवेट पार्ट को अपने अंदर डलवाने से डरती है उसका छेद काफी छोटा है, मैं सेक्स के बिना रहा नहीं जा रहा है, अगर आप मुझे मना कर दोगे तो समझो की मैं गया.
मैंने डर गई मुझे बेटा खोने का डर था, मैं चुपचाप बैठ गई, उसी से पानी मांगे और पि, फिर मैं सोची इसके सिवा तो मेरा कोई और नहीं है अगर ये भी मुझसे रूठ के चला गया तो मेरा क्या होगा और गौरी का क्या होगा जिसके शादी के अभी सिर्फ दस दिन ही हुए है, इस लिए मैंने कहा ठीक है, पर ये बात कभी भी गौरी को मत बताना, उसने कहा ठीक है |
उसी रात से मेरे बेटे के साथ मेरा सेक्स सम्बन्ध कायम हो गया, वो मुझे कहा की आप थोड़ा अब आप थोड़ा बन ठन के रहो ऐसे भी आप बहुत खूबसूरत हो, कोई नहीं कहेगा की आप चालीस साल की हो, आप तो गौरी को भी फेल कर देती हो, आपको चूचियों मुझे काफी पसंद है, जब से मैं आपके साथ सोया तब तक मैं रात भर आपके चूचियों पे हाथ रख कर सोया था और आज मुझे आप अलग कर रही थी, मैंने कहा ठीक है हाथ मुह धो लो खाना निकलती हु, दोनों खाना खाए और मैं अंदर नाईट सूट पहन ली, उस दिन मैंने पिंक कलर का नाईट सूट पहनी, अंदर मैंने ब्रा नहीं पहनी थी, बाल खुले छोड़ दिए थे पिंक कलर की लिपस्टिक लगाईं हुई थी, जब मैं उसके सामने आई वो बोला बाउ बस मैं यही चाहता था,
और वो फिर मेरे ऊपर टूट पड़ा मुझे बेड पे पटक दिया और मेरे चूचियों को दबाते हुए पिने लगा, मेरे कपडे उतार दिए, मैंने भी मूड में आ गई मैं भी उसका लैंड अपने हाथ में लेके हिलाने लगी, मेरा बेटा कह रहा था लव यू डार्लिंग, मैंने भी लव यू कह रही रही थी, वो मेरे शरीर को ऊपर से निचे अपनी जीभ से चाट रहा था, फिर वो अपना लंड निकाल कर मेरे मुह में डाल दिया मैं काफी देर तक चूसी फिर वो मेरे मुह में झड़ गया मैं उसके सीमन को पि गई, काफी दिन बाद मैंने सीमन पि थी, आज मेरे गले को थोड़ा ठंडक मिला था, अब मैं भी चुदना चाहती थी मैंने उसको कहा अब मुझे मत तड़पा, फिर वो मेरे जांघो को अलग अलग कर दिया और अपना लंड मेरे चूत के ऊपर लगा के अंदर डाल दिया,
वो धक्के पे धक्के देने लगा पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूँज रही थी, मैंने भी अपना चूतड़ उछाल उछाल के चुदवा रही थी, उस रात को मुझे बहुत चोदा, अब मैं क्या बताऊँ गौरी भी आ गई है, गौरी जब स्कूल जाती है, वो एक स्कूल में टीचर है, तब वो मुझे चोदता है, आज कल मैं भी खुश हो क्यों की सेक्स तो सब को चाहिए आज कल मेरे गालों पे लाली फिर से आने लगी है, जैसे की पतझड़ के बाद बहार आता है वैसे ही मेरे सुनें ज़िंदगी के बाद एक बार बहार आ गया है, चाहे वो बहार लाने बाला मेरा बेटा ही क्यों ना हो. आप मुझे गलत ना समझे मैंने सिर्फ अपनी दिल की बात जो दबी रह जाती उसको मैंने नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे आपके लिए भी शेयर किया है, अब मैं थोड़ी हलकी महसूस कर रही हु, धन्यवाद आपने मेरी कहानी पढ़ी.