हेलो दोस्तों, मैं अंश आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में स्वागत करता हूँ। मैं नॉन वेज स्टोरी का बड़ा फैन हूँ और ऐसी कोई दिन नहीं जाता जब मैंने यहाँ की सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ता। दोस्तों, मैंने फैसला लिया है की आज आप लोगो को अपनी कहानी सुनाऊँ। मैं एक जॉइंट फॅमिली में रहता हूँ। मेरे साथ मेरे चाचा और ताऊ जी भी रहते है। ताऊ जी की लड़की महिमा बहुत सी सुंदर है और सेक्सी है। ये बात पिछले साल की है। महिमा मेरे साथ ही बाबा अम्बेडकर कॉलेज में पढ़ती थी। मेरे साथ ही ताऊ जी से उसका नाम लिखयावा था। महिमा रिश्ते में तो मेरी बहन लगती थी पर थी मेरी माल। मेरा मानना था की मेरे घर की माल को कोई बाहर का लड़का क्यूँ पेले। मेरे घर का माल मुझे ही खाने को मिलना चाहिए। महिमा और मैं एक ही उम्र के थे। हम दोनों २१ साल का अभी थे।
इससे पहले कोई उसे पटा ले मैंने उसे पटा लिया था। घर में चोरी छिपे मैंने उसके दूध भी दबा लेता था और उसके नर्म नर्म होठ पी लेता था। महिमा के दूध काफी बड़े और सुंदर थे। उसका फिगर ३४ २७ ३२ का था। ठीक ठाक माल थी महिमा। पर दोस्तों मेरा लंड पिछले कई हफ्तों से मेरे अंडरविअर में ही फडफडा रहा था। मेरा लम्बा ९ इंच का लंड महिमा की चूत कसके मारना चाहता था। पर दोस्तों इधर कुछ दिन से वक़्त नही मिल पा रहा था। क्यूंकि महिमा के पापा और मम्मी जो मेरे ताऊ और ताई लगते है हमेशा घर में ही रहते थे इसलिए महिमा को ठोकने का वक़्त नही मिल पा रहा था। एक दिन ताऊ जी कुछ देर के लिए बाहर गये। सायद बैंक गये थे। ताई जी को भी अपने साथ ले गये थे। मैं फ़ौरन उनके वाले घर में घुस गया।
अंदर जाते ही मैंने महिमा को बाहों में कसके भर लिया। उसके बदन की खुश्बू मेरी नाक में जा रही थी। एक २१ साल की जवान चोदने लायक लड़की मेरे सामने थी।
“ओह्ह अंश !! आई लव यू !! कितनी याद आई तुम्हारी ??’ महिमा बोली और मुझे लैला की तरह मुझे यहाँ वहां चूमने लगी।
“जान !! कैसी हो?? मैंने भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ!!” मैंने कहा। हम दोनों ताऊ और ताई के जाते ही एक दुसरे को पागलों की तरह चूमने चाटने लगे। मैं दोनों हाथ से महिमा जैसी जवान लड़की की पीठ सहलाने लगा। वो भी मेरी पीठ सहलाने लगी। हम एक दूसरे को लैला मजनू की तरह चूमने चाटने लगे। कुछ देर बाद मैं अपने ताऊ की लड़की महिया के नर्म नर्म गुलाबी ओंठ पीने लगा। मेरे हाथ उसके बूब्स पर चले गये। ना जादा बड़े दूध थे और ना जादा छोटे। मैंने उसके कंधे पकड़ के उसके दूध दबाने लगा। महिमा से क्रीम कलर का सलवार सूट पहन रखा था। दुपट्टा हटाते ही उसके कसे और सधे हुए आकार के दूध मुझे दिख गये तो लंड आसमान में तन गया। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ !! क्या गोल गोल कसी कसी छातियाँ थी मेरी बहन की। मैंने महिमा का दुपट्टा निकाल कर एक ओर रख दिया और उसके दूध दबाने लगा। उसने अपनी आखे बंद कर ली। मुझे तो जैसे जन्नत का मजा मिलने लगा।
मैं उसके सलवार सूट के उपर से उसके दूध को हाथ लगाने लगा। महिमा की सासें खिंच गयी और तन गयी। उसको भी पूरा मजा मिला। मैं खड़े खड़े ही बड़े देर तक उसके मस्त जिस्म को हाथ लगाता रहा और छूता रहा। वो मजा लेती रही।
“भाई !! बड़ा दिन हो गया चुदवाया नही है मैंने। क्या आज कोई चांस है??? महीना बोली।
मैंने हँसने लगा।
“बहन !! मैं भी तुम्हारी चूत लेने को बहुत पागल हूँ। मेरे दिल का हाल तुम क्या जानो। मेरा भी तुमको चोदने का बहुत मन है” मैंने महिमा से कहा और अपने दिल का हाल बताया।
“।।।।।तो भाई आज मेरे घर में कोई नही है। मुझे आज क्यों नही चोदते???’महिमा बड़ी मासूमियत से बोली।
“हाँ बहन मेरा भी मेरी गर्म खौलती चूत में लंड देने का बड़ा मन है। पर ये तो बता की ताऊ जी और ताई जी कहा गये है और कबतक आएँगे??’ मैंने अपनी बहन महिमा का हाथ पकड़ते हुए कहा।
“पापा मम्मी जॉइंट अकाउंट खुलवाने गये है। अगर बैंक में जादा भीड़ हुई तो ऊँ लोगो को आने में २ ढाई घंटा तो आराम से लग जाएगा!!” महिमा बोली।
दोस्तों, इतना समय तो उसकी चूत मारने के लिए पर्याप्त था। मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। महिमा मुझे अपने कमरे में ले गयी। बिस्तर पर जाकर वो लेट गयी। मैंने अपनी बगल लेट गयी। मैंने उसको फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दुसरे के होठ पीने लगा। दोस्तों, वो इतनी चुदासी थी की बिना कहे ही उसने अपना सूट खुद निकाल दिया और फिर अपने दोनों पलते पलते हाथ पीछे करके उसने अपनी ब्रा खोल दी। ओह्ह गॉड!! कितने सुंदर बूब्स थे मेरी बहन के। मैं किसी दीवाने की तरह उसके दूध हाथ से सहलाने लगा। चिकने दूध पाकर मेरी किस्मत चमक गयी थी। महिमा के दूध जैसे जैसे मैं दबाने लगा वो गर्म आहें भरने लगी। आह आऊँ ऊँ ऊँ आहां आहां करने लगी। मुझे और उतेज्जना लगने लगी।
मैं और जोर जोर से उसके दूध दबाने लगा। क्या मस्त रबर की गेंद जैसे दूध से उसके। फिर मैंने महिमा के दूध मस्ती से पीने लगा। उसकी छातियाँ किसी गाय की छाती जैसी बड़ी बड़ी थी। बहुत सुंदर और बहुत स्वादिष्ट। मै मुँह में भरके महिमा के दूध पीने लगा। उसके चूचकों के शिखर पर काले काले घेरे थे जो मुझे बहुत सेक्सी लग रहे थे। मैं जीभ से उन काले काले घेरों को मजे से चाट रहा था। इधर महिमा बहुत ही जादा चुदासी हो गयी। उसने कब अपनी सलवार खोल दी, मैं देख भी नही पाया।
महिमा अपनी पेंटी के उपर से ही अपनी चूत सहलाने लगी। और जोर जोर से घिसने और रगड़ने लगी। मैं ये सब देख भी ना पाया। मैं तो उसके मस्त मस्त बूब्स में बीसी था।
“बहन !! जब पिछली बार तेरी चूत ली थी तो तेरे बूब्स काफी बड़े थे, पर आज तो साईज कुछ कम लग रहा है???’ मैंने पूछा
“।।।।हाँ भाई !! इतने महीनो से तुमने मेरे दूध दबाये ही नही। इसी वजह से मेरी छातियाँ कुछ कम हो गयी है!!” महिमा बोली।
“।।।।कोई बात नही बहन। आज मैं तुझको चोदूंगा भी और मेरे मस्त मस्त दूध भी दबाऊंगा!” मैंने कहा।
उसके बाद तो दोस्त मैं अपने ताऊ जी की जवान और लंड की प्यासी लड़की के दूध खूब मस्ती से दबाने लगा। जितनी जोर जोर से मैं उसके बूब्स दबाता महिमा उतनी जल्दी जल्दी अपनी उँगलियाँ अपनी चूत पर सहलाती। कुछ देर में तो उसकी पेंटी उसकी चूत के भीने भीने खुश्बूदार पानी से गीली हो चुकी थी। पर मैं तो महिमा के दूध पीने में बीसी था। दोस्तों, फिर मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और अपना अंडरविअर भी निकाल दिया। मेरा लंड जो पहले ९ इंच का था वो और जादा फूल चूका था और १० इंच का हो गया था। मैं महिमा को चोदना चाहता था पर जल्दबाजी में नही। बड़े ही प्यार और रोमांटिक तरीके से। इसलिए दोस्तों आज मैं कोई जल्दबाजी करने के मूड में नही था।
मैं बड़ी देर तक महिमा के दूध पीता था। उसके कड़क निपल्स से खेलता रहा। फिर मैंने अपना खड़ा और सख्त लंड महिमा के बूब्स पर रख दिया और दूध में लंड गड़ाने लगा। इससे महिमा को बहुत मजा मिल रहा था।
“करो भाई !! मेरी चुच्ची को और चोदो अपने लम्बे लंड से !! महिमा बोली।
मैं और जोर जोर से महिमा के दूध में अपना लंड गड़ाने लगा। उसके स्तनों से छेदछाड़ करने लगा। मुझे भी इसमें बहुत मजा मिल रहा था। फिर मैंने महिमा के बेहद गोरे क्लीवेज में अपना लंड डाल दिया और दोनों हाथो से उसके उछलते दोनों दूध को बीच की ओर करते हुए कसके पकड़ लिया। मेरा १० इंच का मोटा खीरे जैसा लंड उसके मुलायम मुलायम दूध के बीच फसा हुआ था और चूं चूं कर रहा था। फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़े महिमा को चोदने लगा। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ !! मैं बता नही सकता दोस्तों, कितना मजा आया मुझे। मैं इस समय अपने ताऊ जी की लड़की के साथ स्तन मैथुन कर रहा था। मैं जोर जोर से महिमा के बूब्स चोदने लगा। उसे भी खूब मजा मिल रहा था।
धीरे धीरे मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। और हच हच करके जोर जोर से अपनी बहन के बूब्स चोदने लगा। मैं इस समय महिमा के पेट पर बैठा हुआ था। मेरे वजन से उसका पतला सेक्सी पेट दब रहा था, पर उसे मजा भी पूरा मिल रहा था। मैंने काफी देर तक महिमा के बूब्स चोदे। फिर वो ही किसी स्लट[ रंडी] की तरह अपनी जीभ बाहर की ओर निकानले लगी। दोस्तों, महिमा मेरे लंड की तरफ ही जीभ कर रही थी। मुझे समझते देर ना लगी की वो मेरा लंड चूसना चाहती है।
“ले चूस ले छिनाल !!!” मैंने उसे गाली दी और उसके मुँह में मैंने लंड डाल दिया। महीना किसी जन्म जन्म की प्यासी की तरह मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। मैंने उसके नंगे मादक और सेक्सी जिस्म से खेलने लगा। मेरे हाथ उसके पतले सपाट पेट को छूने और सहलाने लगे। मेरी उँगलियाँ उसकी गहरे गड्ढे वाली नाभि में जाने लगी और उससे खेलने लगी। फिर मेरे हाथ उसकी चिकनी जाँघों पर जाकर उसे सहलाने लगे। महिमा की आँखे बंद थी। वो मुझे १०० परसेंट स्लट लग रही थी। क्यूंकि दोस्तों जिस तरह से वो मेरा लंड कस कसके चूस रही थी वो तो कोई स्लट ही कर सकती है। मैं उसके काम से बहुत खुश था। वो मेरे लौड़े से खेल रही थी और चूस रही थी। जी तो कर रहा था की इतनी जोर से लंड उसके मुँह में पेल दूँ की उसकी खोपड़ी के पार निकल जाए। मैंने चुदास में उसके मुँह पर कुछ तमाचा मार दिया। उसका मुँह और गाल बिलकुल लाल हो गए।
महिमा फिर से मेरे लंड को अपने सीधे हाथ से पकड़ कर जल्दी जल्दी फेटने लगी और उपर नीचे करने लगी। उसके नाजुक छोटे छोटे हाथ मेरे बड़े से खीरे जैसे लंड पर बड़े मनमोहक लग रहे थे। वो इस वक़्त मुझे बिलकुल बच्ची लग रही थी। मुझे उस पर और जादा प्यार आ गया। मैंने जबरदस्ती अपना हाथ उसके हाथ से वापिस खीच लिया। क्यूंकि मैंने उसके होठ पीना चाहता था। मैंने अपने ताऊ जी की लड़की के उपर पूरी तरह सीधा होकर लेट गया और अपनी जीभ को मैंने महिमा के मुँह में डाल दिया। उसने भी अपनी लार से सनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। हम दोनों एक दुसरे की जीभ पीने लगे। मुझे नही पता की इसे अंग्रेजी में क्या कहते है, पर इस तरह एक दुसरे की जीभ पीना और चुसना था बहुत सेक्सी। हम दोनों ही इससे बेहद गर्म महसूस करने लगे। मैं जानता था की अभी महिमा मेरा मोटा लंड और चूसना चाहती है। इसलिए मैं उसके होठ पीकर फिर से अपना लंड महिमा के मुँह में डाल दिया और उसके सर को पकड़ कर उसका मुँह चोदने लगा।
महिमा किसी पेशेवर रंडी की तरह अपना मुँह चुदवाने लगी। वो साँस तक नही ले पा रही थी। उसका मुह फूला हुआ था मेरे लंड से जैसे उतने कितने लड्डू मुँह में ठूस लिए हों।
जैसे ही मैंने लंड उसके मुँह से निकाला और जोर जोर से हांफने लगी और गहरी गहरी सासें अपनी नाक और मुँह खोलकर लेने लगी। मुझे उसकी हालत देखकर बहुत मजा आया दोस्तों। उसका चेहरा मेरे लंड के पानी से पूरी तरह से गीला हो चूका था। फिर मैंने महीने के दोनों पैर खोल दिए। उसने अपनी पेंटी अभी भी पहन रखी थी। पर इतने देर से नये नये काण्ड करने से उसकी पेंटी उसकी चूत के माल से पूरी तरह से तर हो चुकी थी। मैंने उसकी पेंटी निकाल दी और किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा। फिर मैंने महिमा की गीली पेंटी उसके मुँह में ठूस दी, जिससे चुदवाते वक़्त उसकी आवाज बाहर ना जाए। मैं महिमा के लाल खूबसूरत भोसड़े पर झुक गया और जीभ से उसका भोसड़ा पीने लगा। उसकी चूत बह रही थी। उसकी चूत का बुरा हाल था। मैं कुछ देर तक अपने ताऊ की लड़की महिमा की चूत पीता रहा फिर मैंने काम स्टार्ट कर दिया।
दोस्तों, मैंने अपना लम्बा १० इंची खीरे जैसा लंड महिमा के भोसड़े में डाल दिया। वो छटपटा गयी। मैंने महिमा को चोदने लगा। दोस्तों इनती देर से हम जो प्यार भरी हरकते कर रहे थे, उसकी वजह से उसकी बुर पहले ही काफी चिकनी हो चुकी थी। इसलिए मुझे जादा मेहनत नही करनी पड़ी। मेरा लौड़ा बड़ी आराम से महिमा के छेद में सरक रहा था। सब काम अपने आप ही हो रहा था। जैसे लग रहा था की कोई जमीन से तेल निकालने वाला पंप जल्दी जल्दी अंदर जाकर तेल निकाल रहा था। मुझे बहुत कम ही मेहनत करनी पड़ रही थी। सब कुछ अपने आप ही हो रहा था।
“भाई !! और जोर जोर से चोदो !!” महिमा बोली।
तो मैंने उसके दोनों कंधे पकड़ लिए और जोर जोर से उसे लेने लगा। अब मेरा लंड बड़ी जल्दी जल्दी उसकी चूत से तेल निकलने लगा। महिमा के दूध हवा में उपर की ओर उछलने लगे। इस तरह तो वो बहुत सेक्सी , बहुत बड़ी छिनाल लग रही थी। मुझे उसे देख कर बहुत जादा जोश चढ़ गया। मैं इतनी जोर जोर से धक्के मारने लगा की पूरा बेड चूं चूं की आवाज करने लगा। चट चट पट पट की मधुर आवाजों से महिमा का पूरा घर गूंज गया। ये उसके चुदने की मधुर आवाजें थी। ये महिमा की रसीली चूत में उसके भाई के लंड जाने की मीठी आवाजे थी। मैं एक पल को भी न रुका और जोर जोर से धक्के मारता रहा। कुछ देर बाद मैं अपना अमृत उसकी बुर में छोड़ दिया। हम दोनों रोमियो जुलिएट की तरह लिपट गये। चोदने में और माल झड़ने में काफी ताकत लग गयी थी। इसलिए मैं हाफ रहा था। मेरे ताऊ की चुदासी लड़की महिमा ने मुझे सीने से लगा लिया था और मेरे सीने को अपने लबो से चूम रही थी। ये सब बहुत रोमांटिक था।
कुछ देर बाद हम दोनों का फिरसे मौसम बन गया था। मेरा उसकी गांड लेने का बड़ा मन था। मैंने महिमा की गांड के नीचे कुछ तकिया लगा दी। इससे उसकी गांड उपर आ गयी। मैंने गांड छूने लगा। महिमा मना करने लगी।
“भाई !! चूत जितना दिल करे मार लो। पर प्लीस गांड मत मारो!!” महिमा मना करने लगी और मेरा हाथ छुड़ाने लगी।
“हट !! हट !! बहनचोद !! गांड मारने में जो मजा है वो कहीं और नही है!!” मैंने कहा और महिमा का हाथ खीचकर हटा दिया। मैंने उसकी गांड में ऊँगली करने लगा। उसे दर्द हो रहा था। वो नही नही चिल्ला रही थी। मैंने कुछ देर बाद अपना लौड़ा उसकी गांड में दे दिया। वो सिसक गयी। मैं अपने ताऊ की लडकी की गांड मारने लगा। उफ्फ्फफ्फ्फ़ !! क्या कसी गांड थी बहना की। बहुत मजा मिल रहा था। ४० मिनट तक मैं उसकी गांड आराम आराम से लेता रहा, फिर उसी में झड़ गया। ये कहानी आप सिर्फ और सिर्फ नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।