दोस्तों कल ही दारु का दूकान खुला और मेरे यहाँ रंगरेलियां शुरू हो गई। कल रात को मेरे यहाँ दारु पार्टी थी क्यों की कल से दारु मिलना शुरू हो गया था दिल्ली में। दोस्तों मेरे पापा ज्यादा नहीं कमा पाते है छोटा बिज़नेस है पर उससे सही तरीके से घर नहीं चलता है। शुक्र है सुनील अंकल का जो मेरे परिवार को हेल्प करते हैं।
मम्मी जब भी पापा को ताने देती है तो यही कहती है देखो सुनील जी को कितना कमाते हैं तुम मुझे क्या देते हो ? वो अपने बीवी को ये देते हैं ऐसे खाते हैं ऐसे रहते हैं। ऐसे घूमने जाते हैं और आप क्या करते हो आप ना कुछ मुझे ला कर देते हो ना सही से हमलोग खाते हैं।
रोजाना चर्चा सुनील अंकल का। धीरे धीरे मेरी माँ जो की अभी 36 साल की है बहुत ही हॉट और सेक्सी है वो सुनील अंकल को कुछ ज्यादा ही केयर करने लगी। मैं भी जवान हो रही हूँ मुझे भी पता है कौन किसपर मर रहा है और कैसे लाइन दे रहा है ये मुझे सब समझ आता है।
सुनील अंकल तीन महीने से मेरे घर कुछ ज्यादा ही आने जाने लगे। पहले तो पापा को थोड़ा ख़राब भी लगता था पर लॉक डाउन में मोदी जी नहीं बल्कि सुनील अंकल ही सहारा बने। क्यों की सुनील अंकल चूत के चक्कर में मेरा भी घर चलाने लगे और सच पूछिए तो हम लोगों का लॉक डाउन सही रहा और चल रहा है क्यों की सुनील अंकल दिल खोल कर खर्चा कर रहे हैं। ताकि मम्मी का ब्रा और पेंटी खोल सके और उसमे कामयाब भी हो गए। अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। पहले आपको ये भी बता दू की मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की बड़ी फैन हूँ
कल सुबह ही सुनील अंकल ने अपने ऑफिस स्टाफ को दारू दूकान पर लाइन लगवा दिए और दोपहर तक उनकी दो बोतल जुगाड़ हो गया। शाम के अब मेरे यहाँ पार्टी था यानी पापा और सुनील अंकल और मम्मी के साथ। मैं अकेली दूसरे कमरे में पढ़ रही थी। खाना तो मैं खा ली थी क्यों की मुझे पता था वो लोग नहीं खाएंगे वो लोग सिर्फ दारु पिएंगे और मीट खाएंगे वही हुआ। दारु पीते पिलाते उनलोगों को बारह बज गए सुनील अंकल अपने घर फ़ोन कर दिए की मैं सुबह आऊंगा उनकी पत्नी भी वैसी ही है वो भी कुछ नहीं बोली। हो सकता है वो भी अपने बॉय फ्रैंण्ड को बुला ली होगी।
जब मैं बाहर निकली अपने कमरे से तो देखि पापा बहुत ज्यादा पि लिए थे अंकल और मम्मी होश में थी पर पापा होश में नहीं थे वो कह रहे थे मैं सो रहा हु मैं सो रहा हूँ. मैं वही सामने बरामदे में कोने में परदे के पास छुप कर खड़ी हो गई। पापा उस कमरे से निकले और अपने कमरे में झूमते झूमते अपने बेड पर जा गिरे और शायद पांच मिनट में ही वो खर्राटा लेने लगे वो तुरंत सो गए।
पांच मिनट में ही मम्मी और अंकल हसने लगे और दोनों बोलने लगे मैं तो दो पेग ही पि बाकी तो कोल्ड्रिंक्स पि रही थी। और सुनील अंकल भी कह रहे थे उनको खूब पीला दिया ताकि वो लुढ़क जाए और मैं आपको अपनी बाहों में समेट सकूँ।
और वो मम्मी को दबोच लिए और होठ चूसने लगे मम्मी भी चूड़ियां खनकाती हुयी सुनील अंकल के बाल पकड़ ली और सहला रही थी और लिप लॉक कर रही थी कभी अपना जीभ सुनील अंकल के मुँह में दे रही थी। धीरे धरि वो मेरी माँ की चूचियां दबाने लगे। और अपने गोद में मम्मी को सुला लिए और निचे से साडी ऊपर कर के हाथ अंदर डाल कर सहलाने लगे। मम्मी भी अपना पैर फैला दी। धीरे धीरे वो मम्मी के ब्लाउज का हुक खोलने लगे पर मम्मी खुद ही गोद से बैठकर अपना ब्रा उतार दी और साडी भी खोल दी।
अब मम्मी पेटीकोट में थी बड़ी बड़ी चूचियों से सुनील अंकल खेल रहे थे। मम्मी की चूचियां दबा रहे थे पि रहे थे। मम्मी भी चुम रही थी। और उनको बदन को सहला रही थी। मम्मी फिर ऊपर की तरफ इसारा की यानी बेड पर चलने। अंकल खड़े हो गए अपना कपड़ा उतार दिए मम्मी भी पेटीकोट का नाडा खोल दी और वही पेंटी भी उतार दी।
दोस्तों अब मेरी चूत भी गीली होने लगी क्यों की अंकल का लंड मोटा और लंबा था और बॉडी भी मस्त लग रही थी। मम्मी मुस्कुरा कर उनके लौड़े को छू रहे थी। फिर दोनों बेड पर लेट गए और मम्मी के दोनों पैरों को अलग करके सुनील अंकल चूत चाटने लगे। थोड़ा सा शराब एक बोतल में था उस शराब को मम्मी की चूत में डाल दिए और चाटने लगे मम्मी मुस्कराते हुए सिसकारियाँ भरते हुए उनके बाल को सहला रही थी और कभी वो जोर से आह आह आह आउच की आवाज निकाल रही थी।
मैं अपनी चूचियां दबाने लगी क्यों की मेरी चूत भी गीली हो गई थी। लग रहा था चली जाऊ उन दोनों के पास पर ऐसा नहीं कर सकती थी।
दोस्तों तभी मम्मी बोली अब बस करो जल्दी घुसा दो मेरी चूत गरम हो चुकी है और बहुत ही ज्यादा गीली हो गई है। सुनील अंकल अपना लौड़ा हिलाते हिये मम्मी के चूत पर लगा पर घुसा दिए। और जोर जोर से ठोकने लगे। मम्मी की चूचियां हिल रही थी मम्मी भी पैरों का फंदा बना कर फंसा रखी थी और जोर जोर से अंकल चोद रहे थे। मम्मी की चूत से सफ़ेद सफ़ेद दूध जैसा कुछ निकल रहा था और क्यों की मैं थोड़ा और नजदीक थी पर वो लोग मुझे देख नहीं पा रहे थे।
मेरी भी सिसकारियां निकल रही थी और मम्मी चुद रही थी। फिर सुनील अंकल ने मम्मी की घोड़ी बना दिए और पीछे से चोदने लगे बार बार वो जोर से मम्मी के चूतड़ पर थप्पड़ मारते और जोर जोर से पेलते मम्मी आह आह आह आह कर रही थी।
फिर अंकल लेट गए और मम्मी उनके ऊपर चढ़ गई और लंड को पकड़ कर अपने चूत में लेकर बैठ गई। और आँखे बंद कर आह आह आह करने लगी फिर वो उछल उछल कर चुदवाने लगी निचे से अंकल धक्के देते और ऊपर से मम्मी बैठ रही थी ओह्ह्ह पुरे कमरे में फच फच फच की आवाज आ रही थी।
हरामी बात दारु पि कर सो रहा था और बीवी किसी और से चुद रही थी और बेटी की चूत भी गीली हो रही थी।
मम्मी को करीब 45 मिनट तक चोदे और फिर शांत हो गए वही एक दूसरे को पकड़ कर सो गए। उन दोनों ने सुबह पांच बजे का अलार्म लगा लिया ताकि मम्मी पापा के कमरे के चली जाए.मैं तुरंत ही अपने कमरे में चली गई और सो गई।
उनके कमरे की की लाइट भी बंद हो गई उन दोनों की हसने की आवाज आ रही थी। मैं चूत सहला रही थी और ऊँगली कर रही थी। पापा दूसरे कमरे में गांड फाड़ कर सो रहे थे।
दोस्तों आपको एक सप्ताह के अंदर ही आपको सुनील अंकल और अपनी चुदाई की कहानी सुनाऊँगी। कल से भी उनको पटाती हु और चुद्वाती हूँ। मेरी कहानी पढ़ने के लिए आप रोजाना विजिट कीजिये hindisex.1053.ru पर